पेट में जलन का कारण और इलाज | Stomach Burning in Hindi

Dr. Rishab Sharma MBBS, MD (Internal Medcine) DrNB (Gastroenterology)

क्या आपको अक्सर पेट में जलन (Stomach Burning) महसूस होती है? क्या यह समस्या खाने के बाद, खाली पेट, या रात में सोते समय ज्यादा बढ़ जाती है? यदि हां, तो यह एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस, अल्सर, या पाचन से जुड़ी किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकता है।

पेट में जलन (Pet Me Jalan) एक आम समस्या है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। इस लेख में हम पेट में जलन के मुख्य कारण, लक्षण, और प्रभावी घरेलू इलाज व डॉक्टर की सलाह के बारे में विस्तार से जानेंगे।

1. एसिडिटी और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) – पेट में अत्यधिक एसिड बनने से जलन

एसिडिटी और GERD पेट में जलन के सबसे आम कारणों में से एक हैं।

कैसे होता है?

  • जब पेट में अत्यधिक मात्रा में एसिड बनता है, तो यह भोजन की नाली  (Esophagus) में वापस चला जाता है, जिससे सीने और पेट में जलन महसूस होती है।
  • यह समस्या खाने के तुरंत बाद, झुकने, लेटने, या ज्यादा मसालेदार भोजन खाने पर बढ़ सकती है।

इसके लक्षण:

  • खाने के बाद छाती में जलन (Heartburn) महसूस होना।
  • गले में खट्टा स्वाद या खट्टे डकार आना।
  • सोने के बाद गले में जलन महसूस होना।
  • बार-बार गले में खराश और सूखी खांसी।

क्यों होता है?

  • मसालेदार, तली-भुनी और ज्यादा तेल वाली चीजें खाने से।
  • खाने के तुरंत बाद लेटने से।
  • बहुत जल्दी-जल्दी या ज्यादा खाने से।
  • अत्यधिक चाय, कॉफी या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (Coke, Pepsi) का सेवन।

कैसे बचें?

  • खाने के बाद तुरंत न लेटें।
  • तले-भुने और मसालेदार भोजन से बचें।
  • कम मात्रा में और बार-बार खाना खाएं।
  • सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं।
  • Chai coffee band karein

2. पेट का अल्सर (Peptic Ulcer) – पेट की परत में घाव होने से जलन

पेट का अल्सर एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जिसमें पेट की भीतरी परत में घाव (Ulcers) बन जाते हैं।

कैसे होता है?

  • पेट में बनने वाला एसिड पेट की परत को नुकसान पहुंचाने लगता है, जिससे जलन और दर्द होता है।
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण भी पेट में अल्सर का कारण बन सकता है।
  • कुछ लोगों में ज्यादा दवाइयां (NSAIDs या Aspirin) लेने से भी अल्सर बन सकते हैं।

इसके लक्षण:

  • खाली पेट जलन बढ़ जाना।
  • खाना खाने के बाद थोड़ी देर के लिए आराम मिलना लेकिन फिर जलन शुरू हो जाना।
  • पेट में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना।
  • कभी-कभी काले रंग का मल या खून की उल्टी।

कैसे बचें?

  • ज्यादा एसिडिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना दर्द निवारक दवाएं न लें।
  • अगर लंबे समय तक जलन बनी रहे तो एंडोस्कोपी (Endoscopy) करवाएं।

3. गलत खान-पान और अनियमित दिनचर्या – खराब लाइफस्टाइल के कारण पेट में जलन

कैसे होता है?

  • भोजन में पोषण की कमी और अनियमित दिनचर्या पेट की सेहत पर बुरा प्रभाव डालते हैं जिससे पेट में सूजन आ सकती ही और छाले हो सकते हैं।
  • यदि आप बहुत ज्यादा मिर्च-मसाले खाते हैं, या तला-भुना भोजन नियमित रूप से खाते हैं, तो इससे पेट में जलन की समस्या हो सकती है।

इसके लक्षण:

  • खाना खाने के तुरंत बाद भारीपन और जलन।
  • गैस और पेट फूलने की समस्या।
  • डकारें आना और गले में खट्टा स्वाद महसूस होना।

कैसे बचें?

  • संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां और फाइबर हो।
  • रात में हल्का और जल्दी खाना खाएं।
  • प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से बचें।

4. चाय, कॉफी और शराब का अधिक सेवन – पेट की परत पर सूजन करने वाला कारण

कैसे होता है?

  • कैफीन और अल्कोहल पेट की परत पर सूजन कर देते हैं और एसिड के उत्पादन को बढ़ा देते हैं।
  • ये पेट की protective mucus layer को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे जलन अधिक होती है।

इसके लक्षण:

  • सुबह उठते ही पेट में जलन।
  • चाय या कॉफी पीने के बाद पेट में दर्द।
  • खट्टी डकारें और मुंह में अजीब स्वाद।

कैसे बचें?

  • कैफीन और अल्कोहल का सेवन कम करें।
  • ज्यादा चाय-कॉफी पीने की बजाय हर्बल टी या सादा पानी पिएं।

5. ज्यादा तनाव और चिंता (Stress & Anxiety) – मानसिक तनाव के कारण एसिड बढ़ना

कैसे होता है?

  • ज्यादा तनाव और चिंता लेने से पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे जलन और अपच की समस्या हो सकती है।
  • तनाव के कारण हम अक्सर अनियमित खान-पान अपनाते हैं, जो इस समस्या को और बढ़ा सकता है।

इसके लक्षण:

  • बिना खाए भी पेट में जलन महसूस होना।
  • भूख न लगना और पेट में हल्का दर्द महसूस होना।
  • ज्यादा चिंता करने पर एसिडिटी और बदहजमी की समस्या।

कैसे बचें?

  • योग और ध्यान (Meditation) करें।
  • अच्छी नींद लें और आराम करें।
  • ज्यादा से ज्यादा ताज़ा भोजन खाएं।

6. एस्पिरिन और दर्द निवारक दवाएं (Painkillers) – लंबे समय तक दवा लेने से जलन

कैसे होता है?

  • लंबे समय तक NSAIDs (जैसे Aspirin, Ibuprofen) का सेवन पेट को प्रोटेक्ट करने वाली म्यूकस परत को कमजोर कर सकता है, जिससे जलन और अल्सर हो सकता है।
  • स्टेरॉयड और कुछ एंटीबायोटिक्स भी पेट में एसिड को बढ़ाकर समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।

कैसे बचें?

  • दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह से करें।
  • अगर आपको लगातार इन दवाओं की जरूरत पड़ती है, तो पेट की सुरक्षा के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

7. पाचन तंत्र में गड़बड़ी (Indigestion और IBS) – पाचन सही न होने की वजह से जलन

कैसे होता है?

  • अगर पेट में भोजन ठीक से पचता नहीं है, तो गैस, एसिडिटी और जलन की समस्या हो सकती है।
  • इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) में आंतें jyada Sensitive हो जाती हैं और जलन, दस्त, कब्ज जैसी समस्याएं होती हैं।

इसके लक्षण:

  • खाना खाने के बाद पेट में भारीपन और जलन।
  • कभी-कभी दस्त और कभी कब्ज।
  • पेट में लगातार गैस बनना।
  • मल त्याग के बाद भी पूरी तरह से पेट खाली न लगना।

कैसे बचें?

  • ज्यादा रेशेदार भोजन (फाइबर) लें और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
  • ज्यादा तला-भुना खाने से बचें।
  • खाने के बाद हल्की वॉक करें।

8. हेलीकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण – पेट की परत को नुकसान पहुंचाने वाला बैक्टीरिया

कैसे होता है?

  • H. Pylori बैक्टीरिया पेट की अंदरूनी परत (Mucosa) में रहता है और धीरे-धीरे उसे कमजोर कर देता है।
  • यह बैक्टीरिया पेट में सूजन, अल्सर, और गंभीर जलन पैदा कर सकता है।
  • यह संक्रमित व्यक्ति के थूक, पानी, या दूषित भोजन के जरिए फैल सकता है।

इसके लक्षण:

  •  खाली पेट या रात में पेट में तेज जलन और दर्द।
  •  खाने के बाद पेट भारी लगना और डकार आना।
  •  भूख न लगना और अचानक वजन घटने लगना।
  •  कभी-कभी खून की उल्टी या काले रंग का मल आना (Bleeding Ulcers)।

कैसे बचें?

  • साफ और ताजा भोजन खाएं।
  • दूषित पानी से बचें और उबला या फिल्टर्ड पानी पिएं।
  • अगर लक्षण बने रहें, तो H. Pylori टेस्ट करवाएं और इलाज करवाएँ ।

निष्कर्ष

पेट में जलन एसिडिटी, अल्सर, गलत खान-पान, H. Pylori संक्रमण, IBS, तनाव, दवाओं और बैक्टीरिया संक्रमण के कारण हो सकती है। यदि यह समस्या कभी-कभी होती है, तो सही खान-पान और जीवनशैली में बदलाव से इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।

डॉ. ऋषब शर्मा, जयपुर के जाने-माने गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट हैं और लिवर से जुड़ी बीमारियों का विशेषज्ञ इलाज करते हैं।

📞 अपॉइंटमेंट बुक करें: 096100 11223
🏥 क्लिनिक का पता: DURGA POLYCLINIC, जयपुर, राजस्थान 302006

 

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