Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi

Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi

दोस्तों, क्या आपको या आपके परिजन को डॉक्टर ने dialysis कराने की सलाह दी है? क्या आप भी असमंजस में हैं कि dialysis कैसे होगा? कब कब होगा? कहाँ होगा? क्या dialysis के दौरान मरीज़ को अस्पताल में भर्ती रहना होगा? क्या आपने जो travel plans बनाये थे वह अब cancel करने होंगे? क्या ऑफिस से लंबी छुट्टी लेने की ज़रूरत पड़ेगी? दोस्तों! डायलिसिस या haemodialysis के बारे में आपने शायद सुना तो ज़रूर होगा पर क्या आप जानते हैं की आखिर dialysis में होता क्या है? और क्या आपको पता है की dialysis हॉस्पिटल में ही नहीं बल्कि घर पे भी हो सकता है. आज के इस वीडियो में, मैं आपको बताऊंगा haemodialysis के बारे में, और वह सभी जानकारी भी दूंगा जो शायद आप नहीं जानते होंगे.नमस्कार दोस्तों, में डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, हमारे channel thydoc health पर आपका स्वागत करता हूँ. हम आपको आपकी स्वास्थ्य से related जानकारी आसान भाषा में देने की कोशिश करते हैं और आगे भी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करेंI

दोस्तों! किसी भी स्वस्थ शरीर में kidneys का काम होता है रक्त को साफ़ करना और शरीर से एक्स्ट्रा पानी को पेशाब के रूप में शरीर से बाहर करना. किडनी शरीर में कुछ ऐसे पदार्थ भी बनाती है जो हमारे शरीर के सुचारु रूप से काम करने के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं. पर अगर किसी कारण किडनी अपना ये काम ठीक से नहीं कर पाती है तो dialysis से ये काम पूरा किया जाता है. डायलिसिस दो तरह का होता है. पहला है haemodialysis और दूसरा है peritoneal dialysis. आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे haemodialysis की, peritoneal dialysis के बारे में मैं आपसे अगले वीडियो में बात करूँगा.

सबसे पहले जानते हैं की आपको dialysis की ज़रुरत क्यों पड़ती है. अगर किसी बिमारी की वजह से kidneys का फंक्शन मात्र दस से पंद्रह प्रतिशत ही रह गया है या यूँ कहें कि kidneys कमज़ोर पड़ गयीं है तो ऐसे में kidneys शरीर से waste products जैसे की urea, creatinine और एक्स्ट्रा पानी नहीं निकाल पाती है. और आपको जी घबराना, उलटी होना, पूरे शरीर में सूजन आना और थकान जैसे लक्षण आने लगते हैं. जब kidneys इस तरह से कमजोर पड़ जाती हैं तब आपको dialysis की ज़रुरत पड़ती है.

अब जानते हैं की आखिर dialysis या hemodialysis किस तरह काम करता है. haemodialysis में dialysis मशीन का इस्तेमाल होता है. जिसमे एक किडनी की तरह काम करने वाला स्पेशल फ़िल्टर लगा होता है जिसे dialyzer कहते हैं जिसे सामान्य भाषा में artificial kidney भी कहा जाता है. ये dialyzer और dialysis मशीन से आपके खून से waste बाहर किया जाता है और एक्स्ट्रा पानी भी निकाला जाता है. आपके खून को dialyzer तक आपकी vein से कनेक्ट किया जाता है जिसके लिए आपके गले में या groin में शरीर की बड़ी vein में एक catheter डाला जाता है जिसे HD catheter कहते हैं. जिन लोगों को लम्बे समय तक dialysis की ज़रुरत होती है उन लोगों में एक छोटी सी surgery कर के बांह में A-V fistula बना दिया जाता हैं . ये dialyzer या फ़िल्टर दो भागों में बटा होता हैं जिसमे से एक भाग आपके खून के लिए होता है और दूसरा होता है washing fluid या dialysate के लिए. इन दोनों भागों को एक पतली झिल्ली या मेम्ब्रेन अलग करती है. यानी यूँ कहें तो एक चाय की छलनी की तरह यह झिल्ली आपके खून और dialysate को अलग अलग करती है. आप की रक्त कोशिकाएं , खून में पाए जाने वाले प्रोटीन और दुसरे ज़रूरी खून के parts, खून में ही रहते हैं क्यूंकि साइज में बड़े होने के कारण ये इस झिल्ली को पार नहीं कर पाते हैं जैसे की चाय छानते समय चाय और अदरक जैसे छलनी के ऊपर रह जाते हैं जबकि खून में पाए जाने वाले waste material जैसे की यूरिया, creatinine, पोटैशियम, और एक्स्ट्रा पानी इस झिल्ली को पार कर लेते हैं और खून से बाहर हो जाते हैं जैसे की छनी हुई चाय जो हम पी लेते हैं. haemodialysis कितनी बार होगा और कितनी देर होगा ये आपकी बिमारी और आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है पर अक्सर सप्ताह में दो से तीन बार और चार से 6 घंटों तक डायलिसिस हो सकता है. इसके अलावा डायलिसिस के बाद या हर महीने आपके खून की जांच भी होती है जिससे आपके शरीर में यूरिया, creatinine जैसे waste products नापे जाते है और अगला dialysis इसी अनुसार प्लान किया जाता है. ये तो हम सभी जानते हैं की dialysis जैसी प्रक्रिया हॉस्पिटल या dialysis सेंटर पर ही संभव है. पर आजकल dialysis घर पर भी संभव है. पर आपको अपना dialysis हॉस्पिटल में कराना है या घर पे भी हो सकता है ये decision आपके डॉक्टर आपकी बिमारी और आपकी overall health को देखकर ही लेते हैं. अगर आपकी overall हेल्थ सही है तो आपको सिर्फ़ dialysis के दौरान ही हॉस्पिटल में रुकने की ज़रूरत होती है और dialysis के बाद आप घर जा सकते है. dialysis जब होता है उस दौरान आप अपने शौक़ का कोई भी काम जैसे की फ़ोन देखना या फ़ोन पर बात करना, कंप्यूटर पर काम करना, किताब पढ़ना या अपने साथ आये फ़ैमिली member से बात कर सकते है .जिन लोगों को डायलिसिस चल रहा है उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन बढ़ाने की सलाह दी जाती है और साथ ही डाइट में पोटैशियम कम करने की सलाह भी दी जाती है. दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे की क्या डायलिसिस से kidneys ठीक हो जाती है? दोस्तों, अगर आपको acute kidney failure हुआ है यानी अचानक आपकी किडनी का फंक्शन कम हुआ है तो थोड़े टाइम के डायलिसिस और बिमारी के इलाज से किडनी रिकवर कर लेती है पर अगर आपको chronic kidney disease है यानी लम्बे समय से आपकी kidneys कमजोर हैं और समय के साथ आप kidney failure में चले गए हैं तो आपको dialysis आजीवन भी लेना पड़ सकता है तब तक जब तक की आप किडनी transplant नहीं करवा लेते हैं. कुछ लोगों का मानना है की जो लोग dialysis पे निर्भर हैं वे यात्रा नहीं कर सकते हैं. ऐसा नहीं है दोस्तों, आप बिलकुल ट्रेवल कर सकते है पर आप अपने डॉक्टर से राय ज़रूर ले और जिस भी शहर आप जा रहे हैं वहाँ के डायलिसिस सेंटर से पहले ही बात कर ले और अपने अगले डायलिसिस की डेट का appointment बुक करा ले ताकि आपका dialysis मिस न हो. जो लोग डायलिसिस पे निर्भर हैं वे लोग अपना काम भी बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं बस ध्यान ये रखना है की आपको भारी वजन नहीं उठाना है और कोई भी भारी काम जैसे खुदाई आदि नहीं करना है.

और दोस्तों! बात करे dialysis के फ़ायदे की, तो ये बहुत सारे हैं. एक तरफ़ जहां आपके शरीर से urea creatinine जैसे waste products बाहर निकल जाते है वहीं इन waste products से होने वाले लक्षणों में आपको आराम मिलता है और आपकी quality of life में भी सुधार आता है. और किडनी donor मिलने तक और transplant होने तक आपको काफ़ी समय भी मिल जाता है.