Pterygium – आंखो में नखूना के लक्षण और इलाज | Pterygium Removal Surgery | Pterygium in Hindi

Pterygium – आंखो में नखूना के लक्षण और इलाज | Pterygium Removal Surgery | Pterygium in Hindi

by | Mar 13, 2024 | Eye Problems | 0 comments

क्या आपकी या आपके किसी नज़दीकी की आँखों में कोई मांस जैसी ग्रोथ नज़र आ रही है? और क्या ये growth irritation कर रही है? तो दोस्तों! संभव है कि आपको pterygium है. आज के इस वीडियो में हम जानेंगे कि pterygium क्या होता है? और इसका इलाज कैसे होता है? दोस्तों, अगर आप स्वास्थ्य से जुड़ी scientific जानकारी आगे भी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे चैनल Thydoc health को सब्सक्राइब करना ना भूले और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर जरूर करें. दोस्तों! Pterygium आँखों की conjunctiva पर उभरी हुई triangular growth होती है. लंबे समय तक uv kiranon के exposure को इसका मुख्य कारण माना गया है. mild cases में आपकी आँखें लाल dikhne lagti है aur आँखों में irritation हो सकती है. अगर pterygium ज़्यादा बढ़ जाता है तो आपको देखने में परेशानी bhi हो सकती है. दोस्तों! हमारी आँखों में जो क्लियर membrane आँखों के सफ़ेद भाग के ऊपर होती है उसे conjunctiva कहते हैं.

conjunctiva आँखों के सफ़ेद भाग के अलावा eye lids के अंदर भी लाइनिंग बनाती है और आँखों के काले भाग यानी कोर्निया के पास आकर ख़त्म होती है. जब इस conjunctiva पर एक मांस की तरह उभरी हुई त्रिभुज या पंख की तरह की growth होने लगती है तब इसे pterygium कहते हैं. ये growth आँखों में कहीं से भी बनना शुरू हो सकती है पर ज़्यादातर ये ग्रोथ नाक की तरफ़ की conjunctiva से शुरू होती है. और शुरू हो कर ये कोर्निया के ऊपर तक जा सकती है. pterygium से एक या दोनों आँखें प्रभावित हो सकती है. दोस्तों! growth सुन कर ही आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि क्या ये कैंसर कि ग्रोथ है? इसका जवाब है नहीं. pterygium कैंसर नहीं है. पर अगर ये ग्रोथ ज़्यादा बढ़ जाये और कोर्निया के clear वाले भाग पर आ जाये तो हमारे vision को ब्लॉक कर सकती है इसलिए pterygium को एक गंभीर बीमारी माना गया है. pterygium की growth कभी भी शुरू हो सकती है और ये growth धीरे धीरे बढ़ती है और कई बार ये growth रुक भी सकती है. pterygium की तरह की ही एक growth होती है जिसे pingueculum कहते हैं. यह ग्रोथ conjunctiva पर ही शुरू होती है पर कोर्निया पे नहीं बढ़ती है इसलिए इसके लक्षण गंभीर नहीं होते हैं. दोस्तों! pterygium kiseeko भी हो सकता है khaaskarke जो लोग धूप और dhool में ज़्यादा काम करते हैं unhe.


आइए दोस्तों अब बात करते हैं pterygium के लक्षणों की. Zyadatar मरीज़ों को ग्रोथ के अलावा कोई aur लक्षण नहीं hota hai. Kuch लोगों में आँखों का लाल होना aur irritation ke symptoms mil sakte hain.
ग्रोथ के बढ़ने पर और गंभीर लक्षण देखे जाते हैं जैसे की ग्रोथ की वजह से आँखों का अजीब दिखना, अगर ग्रोथ cornea पे पहुँच गई है तो डबल vision ya धुंधला दिखने लग सकता है.


दोस्तों! अब बात करते हैं की pterygium का diagnosis कैसे होता है? अगर ग्रोथ ज़्यादा है तो वैसे ही आपकी आँखों में देखी जा सकती है. Iski gambheerta ya severity ka grade ophthalmologist slit lamp examination कर डायग्नोज़ karte हैं. इसके अलावा आपका vision टेस्ट किया जाता है. advanced टेस्ट में corneal topography भी करायी जाती है जिस में कोर्निया की सतह का एक 3D map बनाया जाता है. ophthalmologist आपकी हर visit पे आपकी आँखों की फोटो भी लेते हैं जिससे pterygium ग्रोथ को ट्रैक किया जाता है. दूसरे टेस्ट भी कराए जा sakte हैं जो कैंसर को rule out करते हैं यानी जिनसे कन्फर्म होता है कि ये ग्रोथ कैंसर की नहीं है.


अब बात करते हैं की pterygium का इलाज कैसे होता है? अगर आपके लक्षण ज़्यादा गंभीर नहीं है और आपको देखने में कोई परेशानी नहीं है तो आपको इलाज की ज़रूरत नहीं है. और आपको रेगुलर follow up के लिए बुलाया जाता है जहां इस growth को ट्रैक किया जाता hai. अगर आपको आँखों में कोई irritation है तो आपको आँखों में डालने के लिये lubricating eye drops prescribe की जाती है. आँखों के दर्द, सूजन, खुजली और लालिमा के लिए alag eye drops दी jaati है. Agar pterygium se cornea pe khichaav ke kaaran astigmatism ho Gaya hai toh aankh ki roshni mein sudhaar ke liye chashma Diya jata hai. Doctors dhoop ke chashme ya goggles ki bhi salaah dete hain jinme Surya ki UV kiranon ko block karne ki kshamta ho.


दोस्तों! अब जानते हैं कि pterygium में सर्जरी की ज़रूरत कब पड़ती है? अगर eye drops के नियमित इस्तेमाल से भी आपके लक्षणों में आराम नहीं मिल रहा है ya अगर pterygium की growth cornea par kaafi badh gayi है और apki aankhon ki roshni par prabhaav daal रही है तो आपको सर्जरी advice ki jaati है. Kabhi kabaar cosmetic reasons के लिए भी patient jaldi सर्जरी की ichchaa zaahir karte hain. Agar slit lamp exam par pterygium ke sath kisi cancerous gaanth hone ka doubt hota hai toh bhi doctors operation karaane ki salaah dete hain.
Iss surgery ko karne se pehle patient ko samjhaya jata hai ki ve 3-4 hafte Tak dhoop mein bahar Kam jaayein.
Ab jaante hai ki pterygium surgery kaise ki jaati hai.


Yah operation kaafi patients mein sirf aankh sunn karne wali drops daalke Kiya jata hai. Is prakriya ko topical anaesthesia kahte hain.
Agar naakhoona ya pterygium zyada bada hai ya anya kaaranon ki wajah se operation jatil ho sakta hai toh uss sthiti mein sunn karne wala injection aankh ke paas lagaya jata hai jise peribulbar block ya local anesthesia bhi kahte hain.
इस सर्जरी को कई तरह से किया जाता है. Mool roop se operation ka siddhant hota hai nakhoone ko hatana aur uske neeche ki satah jise sclera kahte hain usko ek aur jhilli se cover kar dena ya dhak dena. Yah jhilli ya parat patient ke svayam ki conjunctiva ho sakti hai, jise conjunctival autograft kehte hain. Yah sabse commonly ki Jane wali technique hai. CAG ke alawa amniotic membrane bhi graft ko tarah lagayi ja sakti hai. Inn grafts ko taanko ya fibrin glue ya gond dwara apni jagah par fix kar diya jata hai. इस तकनीक का ये फ़ायदा है की इससे pterygium ke दोबारा aane ka khatra bohot Kam ho jata hai. Kayi mareezon mein operation ke baad bhi firse nakhoona banne ka khatra adhik hota hai. Inn patients mein operation ke dauraan kuch dawaaiyon jaise mitomycin C aur 5 fluorouracil ka bhi istemal Kiya jata hai aur fir CAG ya amniotic membrane lagayi jati hai. Iss tareeke se recurrence ka risk Kam ho sakta hai aisa Kai shodhon mein paya gya hai.


इस ऑपरेशन में samaanyatah 15 min se आधे घंटे का समय लग sakta है. ऑपरेशन के बाद आप उसी दिन घर लौट सकते हैं. Operation ke agle din apke surgeon firse slitlamp par aankh ka nireekshan kar apko postoperative treatment aur eye drops kis tarah se daalni hain yah samjhaate hain. Kuch aur saawdhaniyan bhi baratani hoti hain jaise operated aankh ko rub na karein , 10 se 15 din tak ankh mein aswacchh paani na lagne dein aur eye drops time par daalein. Usually doctor se 3-4 hafte baad wapas milna hota hai par aankh mein kisi bhi prakaar ki koi pareshaani ya doubt ho toh apko turant apne doctor se milna chahiye. दोस्तों! अब जानते हैं कि कैसे आप कुछ बातों का ध्यान रख के pterygium से बचाव कर सकते हैं. Aap jab bhi dhoop mein niklein tab UV filter Wale sunglasses pehnein. अगर आप ऐसी जगह रहते हैं जहां वातावरण काफ़ी सूखा रहता है तो अपनी आँखों में regularly artificial tear drops डाले.
अगला सवाल- की क्या pterygium से अंधापन हो सकता है? अगर pterygium की growth badi hokar apke cornea ke centre tak pahunch jaye aur uske neeche ke cornea par safedi ya nishaan ho jaye toh nakhoone ko operation dwara hataane par bhi drishti Kam rehne ka khatra hota hai. Aisa na ho isliye time par doctor ki salaah Maan pehle hi operation karaa lein. Agar cornea par permanent nishaan aa gya hai toh Nazar mein sudhaar ka ek hi tareeka Bach jata hai..corneal transplant Jo ki kaafi badi aur technically advanced surgery hai.


अगला सवाल- की क्या pterygium अपनेआप ठीक हो जाता है? नहीं दोस्तों! pterygium अपनेआप ya eyedrops se ठीक नहीं होता है. इस growth को हटाना सिर्फ़ सर्जरी से ही संभव है.
तो दोस्तों! देखा आपने ये सामान्य सी दिखने वाली बीमारी हमारे रोज़मर्रा के जीवन को कैसे प्रभावित kar sakti hai. Par achchi baat ye hai ki iska successful ilaaj sambhav hai.
दोस्तों क्या आपकी आँखों में जलन, चुभन , ड्राइनेस रहती हैं, तो हो सकता हैं आपको ड्राई आईज की समस्या हो, अगर आप ड्राई आईज के इलाज और बचाव के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो राइट में दिए वीडियो पर क्लिक करें.
Aap sabhi ki achchi sehat and khushhaal zindagi ki kaamne karte huye, main Dr Neha Pathak ab ijaazat leti hun. Good day everyone.🙏