दोस्तों, क्या आप का काम भी ऐसा है की आपको घंटों खड़ा रहना पड़ता है? क्या आपके पैरों कि नसें नीली पड़ गई है? टेढ़ी मेढ़ी हो गई है और फूल गई हैं? क्या आपको इन फूली हुई नसों की वजह से पावों में दर्द रहता है? क्या आपको इन नसों की वजह से पैरों में घाव हो गया है? क्या आप इन नसों की वजह से अपनी पसंद के short कपड़े नहीं पहन पाते हैं? तो दोस्तों, आज का ये वीडियो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है इसलिए इसे अंत तक देखें. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ.  ऐसी और health related जानकारी के लिए कृपया आप हमारे  चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर करें. जब पैर की नसें या veins फूल जाती हैं तब उन्हें varicose veins कहा जाता है. ये नीली नीली रस्सी की तरह और टेढ़ी मेढ़ी दिखती हैं. जो भी नसें स्किन के पास होती हैं यानी सुपरफिसिअल होती हैं वे नसें फूल सकती हैं. varicose veins पैरों में ही ज़्यादातर देखी जाती है क्योंकि जब हम खड़े होते हैं या चलते हैं तो हमारे निचले शरीर की veins में प्रेशर बढ़ जाता है और ज़्यादा देर तक खड़े रहने वाले लोगों में ये नसें अक्सर फूल जाती हैं. जहां ज़्यादातर लोगों में इन varicose veins ya in fulli hui naso  के कारण सिर्फ़ cosmetic concern होता है यानी उन्हें अपने पैर देखने में अजीब लगते है और वे short कपड़े पहनना avoid करते हैं ये सोच के कि लोग क्या कहेंगे की पैरों में क्या ho गया है. वहीं कुछ लोगों में इनके कारण दर्द और तकलीफ़ हो सकती है. कई बार यह स्तिथि गंभीर भी हो सकती है. varicose veins में पैरों में गहरे बैगनी या नीले रंग की veins दिखायी दे सकती है. ये फूली हुई नसें पैरों में किसी रस्सी की तरह दिखायी दे सकती हैं.

जब यह बीमारी बढ़ जाती है तो मरीज़ को पैरों में दर्द और तकलीफ़ होने लगती है और पावों में भारीपन और दर्द जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं. इसके साथ ही पैरों में जलन होने लगती है, लोग कहते हैं कि पैर fool रहे हैं या यूँ कहें पैरों में cramps आ रहे हैं, पैरों की मांसपेशियों में दर्द और पैरों में सूजन भी आ सकती है. अक्सर ये दर्द लंबे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने पे बढ़ जाता है. नसों के आसपास खुजली भी हो सकती है. इस बीमारी का लंबे समय तक इलाज़ ना करने पर फूली हुई नसों के आसपास कि स्किन का रंग बदलने लगता है. ये फूली हुई नसें कई बार इस तरह टेढ़ी मेढ़ी होती हैं की मकड़ी की तरह दिखाई देती है तब इन्हें medical भाषा में Spider veins भी कहा जाता हैं. spider veins, varicose veins की तरह ही होती है पर साइज में छोटी होती है. और ये veins किसी मकड़ी की तरह दिखायी देती है. दोस्तों, अब जानते हैं कि varicose veins होने का कारण क्या है? दोस्तों, अगर  veins में पाये जाने वाले valve कमजोर हो जाये या ख़राब हो जाये तो varicose veins होता है. Arteries का काम होता है हार्ट से ऑक्सीजन वाला अच्छा ब्लड शरीर के दूसरे अंगों तक पहुँचाना और veins शरीर के अंगों से ख़राब ब्लड वापस हार्ट तक लाती हैं. चूँकि पैरों की veins को gravity के विरुद्ध काम करना पड़ता है, उन में हमारी calf muscles पम्प की तरह काम करती है और पैरों से खून हार्ट तक पहुँच पाता है. इन veins में जो valve होते है वह one way valve होते हैं यानी उस समय खुल जाते हैं जब खून का बहाव हार्ट की तरफ़ हो रहा है जिसके बाद ये valve बंद हो जाते हैं जिससे उल्टा बहाव नहीं हो पाता है. अगर ये valve ख़राब हो जाए या किसी वजह से कमजोर पड़ जाए तो खून वापस आने लगता है और पैरों की veins में इकट्ठा होता है जिससे veins फूल जाती हैं और varicose veins होती हैं. 

तो sawal aata hai ki क्या varicose veins किसको भी हो सकती हैं? हाँ दोस्तों! पर इसका रिस्क उनलोगों में ज़्यादा होता है जो बुजुर्ग हैं क्योंकि उम्र के साथ पैरों की veins के ये valve कमजोर पड़ जाते हैं. ये risk उन लोगों में भी ज़्यादा है जो smoking करते हैं. और महिलाओं में periods, pregnancy और मीनोपॉज के दौरान होने वाले hormonal बदलाव के चलते varicose veins होने का ख़तरा ज़्यादा होता है क्योंकि ये hormones इन veins को रीलैक्स करते हैं जिससे खून इनमें इकट्ठा होने लगता है. वे महिलायें जो गर्भ निरोधक गोलियाँ ले रही हैं या किसी हार्मोनल treatment पे हैं उनमे ये ख़तरा और बढ़ जाता है. इसी तरह से जो महिलायें गर्भवती हैं उनके शरीर में blood वॉल्यूम बढ़ जाता है और varicose veins होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. इसके अलावा अगर आपके परिवार में किसको varicose veins हुआ है तो chances हैं कि आपको भी varicose veins हो सकता है. दोस्तों! इसके अलावा किसी भी ऐसे कारण की वजह से varicose veins हो सकता है जहां नसों पर प्रेशर बढ़ जाता है जैसे कि अगर आप overweight हैं तो इस वजन से पैरों की veins पे प्रेशर बढ़ जाता है और varicose veins का ख़तरा भी बढ़ जाता है. अगर आप को पेट में कोई tumor या गाँठ  है तो इस कारण से भी बड़ी नसों पर दबाव बढ़ता है और पैरों की नसों में खून इकट्ठा होने लगता है. दोस्तों! अगर आप ऐसा काम करते हैं जहां आपको लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है या लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है तो भी आपको varicose veins होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

दोस्तों! varicose veins या इन फूली हुई नसों का इलाज अगर समय पर ना हो तो कुछ जटिलताएँ देखी जाती है जैसे की ulcer. जहां ankle joint ya takne के आसपास की स्किन पे दर्द भरे अलसर हो सकते हैं. चूँकि इन फूली हुई नसों में खून इकट्ठा होता रहता है तो इनमें खून का थक्का जमने कि संभावना भी होती है. तो अगर आपको अचानक से पावों में बहुत तेज दर्द होने लगा है तो आपको blood clot हो सकता है और ऐसे में आपको तुरंत निकटतम हॉस्पिटल या डॉक्टर से संपर्क करना है.  कई बार ये veins फट सकती है और bleeding भी हो सकती है. आइए दोस्तों! अब बात करते हैं की कैसे varicose veins का diagnosis होता है. Iske liye physical examination के अलावा डॉक्टर आपके कुछ टेस्ट करवाते हैं जैसे की doppler ultrasound जिससे इसका diagnosis होता है और बीमारी कि गंभीरता का अंदाज़ा भी लगाया जाता है. अब बात करते है इसके इलाज़ की, शुरुआती स्टेज में varicose veins के इलाज के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है, सोते समय या बैठे बैठे पैरों को तकिये की मदद से ऊँचा रखना चाहिए और compression stockings पहनने की सलाह दी जाती है. Compression stockings विशेष तरह की stockings होती है जो पैरों पे एक दबाव बनाती है और वहाँ जो ब्लड इकट्ठा हो रहा है उसे ऊपर पहुँचाने में मदद करती है. ये stockings आपको सिर्फ़ नहाते और सोते  समय ही उतारने है बाक़ी पूरे दिन आपको ये पहनना ही है. अगर stockings से फ़ायदा नहीं होता है, या आपके  पैरों में बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है या आपके पैरों में ulcer होने लगे हैं या आपको ये नसें देखने में ख़राब लग रही है यानी आपको cosmetic concern है तो आपको सर्जरी की सलाह दी जाती है. varicose veins का ऑपरेशन  कई तरह से किया जाता है. और आपके लिए कौनसी तकनीक बेस्ट रहेगी ये आपके डॉक्टर आपका एग्जामिनेशन और डोपलर देख के तय करते हैं. इनमें सबसे पहली तकनीक है sclerotherapy जहां एक तरह का fluid इन veins में इंजेक्ट किया जाता है जो veins के अंदर scarring करता है और फूली हुई नसों को बंद कर देता है. अगली तकनीक है

TREDELENBERG OPERATION जहां पैरों की नसों में perforators को धागों से बांध दिया जाता है.

अगली common तकनीक है vein ligation and stripping जो सबसे गंभीर cases में किया जाता है. groin में चीरा लगा कर एक लंबा तार फूली हुई नस में डाला जाता है और दूसरी तरफ़ से खींच कर इस नस को निकाल दिया जाता है. मरीज़ को उसकी स्तिथि और ऑपरेशन की तकनीक के अनुसार spinal या general एनेस्थीसिया दिया जाता है. और सबसे advance तकनीक है laser technique. जहां एक catheter वेन में डाला जाता है और उससे लेज़र की किरणे वेन के अंदर डाली जाती है जिससे endovenous ablation किया जाता है यानी veins को बंद किया जाता है. ऐसे प्रोसीजर में अल्ट्रासाउंड की मदद भी ली जाती है और जिस जगह से catheter डाला जाता है उस जगह को सुन्न किया जाता है. लेज़र तकनीक में anaesthesia की ज़रूरत नहीं पड़ती है. Dosto ab bat karte hai की कैसे हम varicose veins को होने से रोक सकते हैं. इनमें सबसे पहला और सबसे ज़रूरी है कसरत. कसरत से पैरों का blood mobilise होता है और वहाँ इकट्ठा नहीं रह पाता है. दूसरा तरीक़ा है अपने वजन को manage करे. एक आइडियल weight maintain करे. वेट कम करने से veins पे पड़ने वाला excess प्रेशर कम हो जाता है. अपनी डाइट में नमक कम रखें इससे होगा ये, कि water retention से होने वाली सूजन में कमी आएगी. अगला तरीक़ा है अच्छे footwear पहने यानी high heel avoid करे. क्योंकि कम हील के जूते पहनने से calf muscle अच्छी तरह blood पम्प कर पाती है और blood का प्रवाह बना रहता है. अगला उपाय ये है की आप ऐसे कपड़े ना पहने जो कमर से टाइट हो जैसे कि tight fitting jeans, टाइट पैंट, टाइट underwear जिससे blood का बहाव सुचारू रूप से हो सके. अगला तरीक़ा है की rest करते समय पैरों को ऊँचाई पे रखे यानी पैरों के नीचे दो तीन तकिये लगाये. जिससे gravity के सहारे पैरों में इकट्ठा ब्लड heart की तरफ़ लौट पाएगा. और अगर आप ऐसा काम करते है जहां आपको लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है या खड़े रहना पड़ता है तो बीच बीच में ब्रेक ले और अपनी पोजीशन बदलें. और दोस्तों अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो smoking की आदत भी आपको छोड़नी होगी.