दोस्तों, अगर में आपको ये कहूँ की आपकी आख़िरी सिगरेट पीने के बीस मिनट में ही आपके शरीर में positive बदलाव आने लगते है तो क्या आप विश्वास करेंगे? अगर बीस मिनट में ऐसा हो सकता है, तो आप ये सोचिए कि अगर आप सिगरेट पूरी तरह से छोड़ देंगे तो आपके स्वास्थ्य पर क्या चमत्कारिक प्रभाव होगा. दोस्तों, क्या ये fact आपको सिगरेट छोड़ने के लिये प्रेरित नहीं करता? तो आइए मैं आपको आज विस्तार में बताता हूँ की स्मोकिंग या धूम्रपान छोड़ने के बाद आपके शरीर पर क्या क्या असर होगा. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc health आपको scientifically backed सही और ज़रूरी मेडिकल एजुकेशन आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है और  आगे भी ऐसी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे  चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें.

दोस्तों, smoking का बुरा असर आपको सर से ले कर पैर तक हो सकता है. जहां एक तरफ़ इससे heart अटैक का ख़तरा बढ़ता है वही lung cancer के अलावा और भी कई कैंसर का कारण भी साबित हो सकता है. पर दोस्तों, अभी भी देर नहीं हुई है! आप स्मोकिंग की इस बुरी आदत को छोड़ सकते हैं क्योंकि smoking छोड़ने से आपके शरीर में बहुत से positive बदलाव देखे जाते है. कैसे? आइए जानते हैं!  अपनी आख़िरी  सिगरेट के बीस मिनट बाद ही आपके दिल की धड़कन और blood प्रेशर normal होने लगते हैं. बारह से चौबीस घंटे बाद खून में carbon mono oxide जैसी ज़हरीली गैस  कम होने लगती है. carbon mono oxide की वजह से  सरदर्द, जी घबराना, चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना जैसे लक्षण हो सकते हैं क्योंकि ये खून में ऑक्सीजन की जगह ले लेती है और ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है. ऑक्सीजन का लेवल कम होने से आपकी एक्सरसाइज करने की क्षमता भी कम हो जाती है और आप जल्दी थक जाते हैं. सिगरेट छोड़ने के बारह से चौबीस घंटे में ही इस गैस के कम होने से और शरीर में ऑक्सीजन बढ़ने से आपकी एक्सरसाइज capacity बढ़ जाती है. आख़िरी सिगरेट पीने के चौबीस घंटे बाद आपका हार्ट अटैक होने का ख़तरा कम हो जाता है. अगर आपको पहले दिल का दौरा पड़ा था और अब आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं तो भी आपको दुबारा दिल का दौरा पड़ने का रिस्क आधा हो जाता है. दोस्तों, स्मोकिंग आपके taste और smell sensation वाली कोशिकाओं को नष्ट करती है जिससे ये sensation कम हो जाते है. स्मोकिंग छोड़ने के 48 घंटे बाद आपके सूंघने और स्वाद को sense करने वाले cells फिर से recover होने  लगते हैं. जिससे आप फिर से better तरीक़े से smell appreciate कर सकते हैं और खाने का स्वाद भी उठा सकते हैं. 

स्मोकिंग का असर फेफड़ों से जुड़ी साँस की नलियों या bronchioles को भी होता है. स्मोकिंग से ये bronchioles सिकुड़ जाती है जिससे साँस का प्रवाह रुक जाता है और दमे जैसी शिकायत हो सकती है. स्मोकिंग छोड़ने के  72 घंटे बाद bronchioles यानी साँस की नलियाँ relax होने लगती हैं और आपको साँस आसानी से आने लग जाती है. आपको शरीर में स्फूर्ति महसूस होने लगती है. 

दोस्तों, अक्सर आपने देखा होगा की जो लोग smoking करते हैं उनके दांत पीले होते हैं, उनके मुँह से बदबू आने लगती है और उन्हें मुँह के इन्फेक्शन का रिस्क भी ज़्यादा होता है. स्मोकिंग छोड़ने के एक सप्ताह बाद ही आपका oral hygiene improve होने लगता है और आपको ख़ुद महसूस होता है की मुँह साफ़ है और बदबू भी नहीं आ रही है . 

स्मोकिंग छोड़ने के दो से बारह हफ़्ते बाद आपके शरीर में blood circulation improve होने लगता है. आपके हाथ पैरों में गर्माहट लौट आती है, sensation लौट आते हैं. अच्छे blood circulation से pulse और ब्लड प्रेशर भी improve होते हैं. 

दोस्तों आपने ध्यान दिया होगा की कैसे smokers को सर्दी खांसी ज़ुकाम बार बार होता रहता है. अगर आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं तो स्मोकिंग छोड़ने के बारह हफ़्तों में आपकी immunity इम्प्रूव होने लगती है यानी रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है और आप को नार्मल सर्दी जुखाम होना कम हो जाता है, आप बार बार बीमार नहीं होते हैं. यहाँ तक कि स्मोकिंग छोड़ने के मात्र एक महीने बाद ब्रेन के nicotine receptor नार्मल होने लगते है जिससे यह addiction cycle टूटता है. और आपको सिगरेट की cravings होना बंद हो जाती है. एक से नौ महीने बाद आपको लगने लगेगा की आपके शरीर में energy बढ़ गई है. आपकी खांसी कम हो जाएगी और साँस बेहतर आने लगेगी. फेफड़ों में छोटे बाल जैसे cilia फिर से उगने लगेंगे. ये cilia फेफड़ों को साफ़ रखने में और फेफड़ों को इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं. एक से नौ महीने बाद आपके फेफड़ों का फंक्शन दस प्रतिशत तक बढ़ जाता है. स्मोकिंग छोड़ने के एक साल बाद आपके heart disease और heart अटैक का ख़तरा किसी भी smoker की तुलना में आधा हो जाता है. स्मोकिंग से आपको मुँह, गले, oesophagus और यूरिनरी bladder के कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. स्मोकिंग छोड़ने के दो से पाँच साल बाद आपको इन सभी कैंसर का ख़तरा कम हो जाता है. यहाँ तक कि अगर महिलाएँ स्मोकिंग छोड़ें तो  cervical cancer का ख़तरा भी कम हो जाता है. 

Smoking से खून में थक्के ज़्यादा बनने लगते हैं और ये थक्के मश्तिष्क की धमनियों में जा कर blood circulation को रोक सकते हैं, जिस वजह से स्ट्रोक और लकवा हो सकता है. पर स्मोकिंग छोड़ने के पाँच साल बाद स्ट्रोक का रिस्क भी किसी स्मोकर की तुलना में काफ़ी कम हो जाता है. दस साल बाद lung cancer, pancreatic कैंसर और larynx कैंसर का रिस्क भी किसी स्मोकर की तुलना में आधा हो जाता है. पंद्रह साल बाद आपका heart किसी non स्मोकर के हार्ट की तरह स्वस्थ हो जाता है. तो दोस्तों! हमने जाना की कैसे स्मोकिंग छोड़ने से इतने positive effects आपके शरीर पर होंगे. पर दोस्तों, नशे की अगर लत किसी को होती है तो उस नशे की आदत को छोड़ने पर उसके कुछ withdrawal symptoms भी आपको होंगे. स्मोकिंग छोड़ने के एक दिन में यानी चौबीस घंटों में आपको restless लगने लगेगा, anxiety होने लगेगी, किसी काम में मन नहीं लगेगा, ये सभी लक्षण यह दर्शाते हैं की आपको nicotine जो सिगरेट में होता है उसकी तलब होने लगी है और उसको छोड़ने के withdrawal symptoms आ रहे है पर इन लक्षणों से घबराने की ज़रूरत नहीं है अगर आप nicotine patch से या किसी भी और तरीक़े से स्मोकिंग की अपनी तलब को दो हफ़्ते तक कंट्रोल कर पाते हैं तो आपको दो हफ़्ते बाद ये withdrawal symptoms कम हो जाते हैं और आपको सिगरेट की तलब भी कम हो जाती है. तो दोस्तों इन withdrawal symptoms को एक कठिन परीक्षा समझ के बर्दाश्त कर ले क्योंकि किसी बुरे समय के तरह ये भी कुछ दिनों बाद चले जाएँगे. आप बस smoking छोड़ने के बाद होने वाले positive effects को याद रखें. 

मैं उम्मीद करता ही दोस्तों आज अपने स्मोकिंग छोड़नेका मन बना ही लिया होगा,