क्या आपको पेट में जलन, दर्द या खाने के बाद असहजता महसूस होती है? क्या आपको बार-बार एसिडिटी, खट्टी डकारें या पेट फूलने की शिकायत रहती है? अगर हां, तो आपको पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) यानी पेट के अल्सर की समस्या हो सकती है।
पेट का अल्सर एक गंभीर गैस्ट्रिक समस्या है, जिसमें पेट या छोटी आंत की अंदरूनी सतह पर जख्म (Ulcer) बन जाता है। यह अल्सर लंबे समय तक एसिडिटी, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया, या दर्द निवारक दवाओं के अधिक सेवन के कारण हो सकता है।
दुनिया की 5-10% आबादी पेट के अल्सर से प्रभावित होती है। यह समस्या अक्सर गलत खान-पान, अधिक एसिडिटी और तनाव के कारण होती है। आज इस लेख में हम पेट के अल्सर के कारण, लक्षण और इससे बचाव के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
पेट में अल्सर होने के कारण (Ulcer Ke Karan)
पेट के अल्सर कई कारणों से हो सकते हैं। खान-पान से लेकर लाइफस्टाइल तक, कई आदतें पेट की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं। यहां विस्तार से जानते हैं कि किन वजहों से पेट की बीमारियां बढ़ सकती हैं और इनसे कैसे बचा जाए।
1. ज्यादा चाय-कॉफी और मसालेदार खाना खाना
अगर आप बहुत ज्यादा चाय, कॉफी, मसालेदार खाना, तली-भुनी चीजें या जंक फूड खाते हैं, तो इससे पेट में अधिक एसिड बनता है। हमारा पेट खुद एसिड बनाता है, जो खाने को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब यह एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है, तो यह पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाता है। समय के साथ यह परत कमजोर हो जाती है और अल्सर बनने लगते हैं।
मसालेदार और तला-भुना खाना, खासतौर पर तेज मिर्च-मसाले, फास्ट फूड और कैफीन पेट की परत पर सीधा असर डालते हैं और पाचन तंत्र में जलन पैदा कर सकते हैं।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक खास बैक्टीरिया (H. Pylori) भी अल्सर का कारण बन सकता है। यह बैक्टीरिया अस्वच्छ पानी, दूषित भोजन और खराब हाइजीन के कारण पेट में पहुंचता है और धीरे-धीरे पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाता है।
- Pylori संक्रमण के लक्षण:
- बार-बार पेट दर्द होना (खासकर खाली पेट)
- अपच और भारीपन महसूस होना
- खट्टी डकारें और एसिडिटी की समस्या
- भोजन के बाद पेट में जलन और असहज महसूस होना
90% से ज्यादा पेट के अल्सर का कारण H. Pylori होता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह संक्रमण और गंभीर हो सकता है।
- दर्द की दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल (Painkillers – NSAIDs)
कई लोग सिर दर्द, बदन दर्द या जोड़ों के दर्द के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाइयां (जैसे आईबुप्रोफेन, एस्पिरिन, डाइक्लोफेनैक) लेते हैं। ये दवाइयां पेट की म्यूकस लेयर को कमजोर कर देती हैं, जिससे पेट की अंदरूनी परत पर एसिड का असर बढ़ जाता है और अल्सर बनने लगते हैं।
अगर आपको कोई पुरानी बीमारी है और आप नियमित रूप से पेनकिलर लेते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- शराब और धूम्रपान (Alcohol & Smoking)
जो लोग शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं, उनके पेट में अल्सर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
शराब और सिगरेट पेट की अंदरूनी परत को कमजोर कर देते हैं, जिससे एसिड सीधा पेट की दीवार पर असर डालता है। इसके अलावा, सिगरेट में मौजूद निकोटीन पेट की म्यूकस लेयर को कम कर देता है, जिससे अल्सर जल्दी बढ़ते हैं।
- ज्यादा टेंशन लेना (Stress & Anxiety)
बहुत से लोग हर समय चिंता या स्ट्रेस में रहते हैं, जिसका सीधा असर उनके पेट और पाचन तंत्र पर पड़ता है।जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल (Cortisol) नामक हार्मोन बढ़ जाता है, जिससे पेट में अधिक एसिड बनता है। इससे गैस, एसिडिटी और धीरे-धीरे अल्सर होने का खतरा बढ़ जाता है।
पेट के अल्सर के लक्षण (Ulcer Ke Lakshan)
अगर आपको पेट का अल्सर है, तो कुछ खास संकेत और अल्सर के लक्षण नजर आ सकते हैं। ये लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो ये गंभीर रूप ले सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि अल्सर के प्रमुख लक्षण क्या होते हैं और इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है।
1. पेट में जलन और दर्द
अगर आपको खाली पेट तेज जलन और दर्द महसूस होता है, तो यह अल्सर का सबसे आम लक्षण हो सकता है। यह दर्द मुख्य रूप से छाती के नीचे या पेट के ऊपरी हिस्से में महसूस होता है और कुछ मामलों में पीठ या पसलियों तक भी फैल सकता है।
- कई मरीजों को खाने के बाद दर्द में आराम महसूस होता है, जबकि कुछ को खाना खाने के बाद भी तकलीफ बनी रहती है।
- यह दर्द खासकर रात के समय या लंबे समय तक भूखे रहने पर बढ़ जाता है, क्योंकि खाली पेट में एसिड का स्तर बढ़ जाता है।
- अगर दर्द लंबे समय तक बना रहता है और किसी दवा से आराम नहीं मिलता, तो यह गंभीर अल्सर या आंतरिक रक्तस्राव का संकेत हो सकता है।
- खट्टी डकारें और एसिडिटी (Acidity & Burping)
अगर आपको बार-बार खट्टी डकारें आती हैं, पेट में गैस बनती है, या जलन महसूस होती है, तो यह अल्सर का संकेत हो सकता है। जब पेट में एसिड का अधिक उत्पादन होता है, तो यह पाचन प्रक्रिया को बाधित करता है और पेट की परत को नुकसान पहुंचा सकता है।
- यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो बहुत ज्यादा चाय, कॉफी, मसालेदार और जंक फूड का सेवन करते हैं।
- कई बार लोग इसे सिर्फ सामान्य एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह पेट के अल्सर की शुरुआती चेतावनी हो सकती है।
- अगर एसिडिटी की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और एंटासिड लेने के बावजूद राहत नहीं मिलती, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- मतली और उल्टी (Nausea & Vomiting)
अगर आपको खाने के बाद मतली (जी मिचलाना) होती है या उल्टी करने का मन करता है, तो यह अल्सर का संकेत हो सकता है। यह खासकर तब होता है जब पेट में बना एसिड खाने को सही से पचा नहीं पाता और भोजन की नली में चढ़ जाता है।
- कुछ मरीजों को उल्टी में खून भी आ सकता है, जो कि बहुत खतरनाक स्थिति होती है और तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
- भूख न लगना या भोजन के प्रति अरुचि भी इस स्थिति का संकेत हो सकता है।
- अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो अल्सर ज्यादा गंभीर रूप ले सकता है और इससे शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) भी हो सकती है।
- वजन कम होना और कमजोरी महसूस होना
अगर आप बिना किसी कारण जल्दी-जल्दी वजन कम होते देख रहे हैं, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर रहा है। अल्सर के कारण खाना ठीक से पच नहीं पाता, जिससे शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता।
- कई मरीजों को भूख कम लगती है या खाना खाने के तुरंत बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे वे पर्याप्त भोजन नहीं कर पाते।
- इससे शरीर में कमजोरी, चक्कर आना और थकान जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- अगर अचानक वजन कम हो रहा है और कमजोरी बनी हुई है, तो यह अल्सर की गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
- मल का रंग काला होना (Blood in Stool)
अगर आपके मल (पोटी) का रंग बहुत काला, डामर जैसा, या खून से भरा हुआ है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि अल्सर से रक्तस्राव हो रहा है। यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
- यह समस्या तब होती है जब अल्सर इतना गहरा हो जाता है कि वह पेट या छोटी आंत की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है।
- कुछ मरीजों को तेज पेट दर्द, चक्कर आना और कमजोरी भी महसूस हो सकती है, जो कि आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण हो सकते हैं।
- अगर मल का रंग लगातार काला बना रहता है या उसमें खून नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लंबे समय तक महसूस हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। पेट के अल्सर, गैस्ट्रिक समस्याओं या लिवर संबंधी बीमारियों का समय पर इलाज बेहद जरूरी है ताकि यह और अधिक गंभीर समस्या में न बदले।
जयपुर में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विशेषज्ञों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सही डॉक्टर चुनना सबसे महत्वपूर्ण है। एक अनुभवी डॉक्टर आधुनिक तकनीकों के माध्यम से आपके लक्षणों का सही मूल्यांकन कर सकते हैं और बेहतरीन उपचार कर सकते हैं।
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निष्कर्ष
पेट का अल्सर एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन अगर सही समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव किया जाए, तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। पेट से जुड़ी समस्याओं को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अगर अल्सर बिगड़ जाए, तो यह आंतरिक रक्तस्राव या संक्रमण जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।
अगर आपको पेट में जलन, दर्द, खट्टी डकारें, अपच, अचानक वजन कम होना, मल का रंग काला दिखना या लगातार पेट की तकलीफ बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर सही इलाज न लेने से यह समस्या और गंभीर हो सकती है, इसलिए लापरवाही न बरतें।
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