डॉ. ऋषब शर्मा, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gatroenterology)
अगर आपको लैट्रिन (मल) में खून दिखाई दे तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। कई लोग इसे नज़रअंदाज कर देते हैं या इसे सामान्य समझकर इलाज नहीं करवाते। लेकिन यह समस्या कई कारणों से हो सकती है – यह मामूली गुदा (एनस) की चोट से लेकर किसी गंभीर बीमारी जैसे बवासीर, आंतों में संक्रमण, पेट के अल्सर या कोलन कैंसर तक का संकेत हो सकती है।
इस ब्लॉग में हम लैट्रिन में खून आने के कारण, लक्षण, आवश्यक टेस्ट और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आप इस समस्या को समझ सकें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह ले सकें।
लैट्रिन (मल) में खून आना क्या है?
लैट्रिन में खून आना यानी मल के साथ खून निकलना एक चिकित्सीय समस्या है। रोगी के शरीर से जो खून निकलता है वो हल्का लाल, गहरा लाल या काला भी हो सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि खून कहां से आ रहा है।
- हल्का लाल रंग का खून – आमतौर पर मलाशय (Rectum) या गुदा (Anus) से निकलने वाली समस्या को दर्शाता है, जैसे बवासीर, fissure या गुदा की चोट।
- गहरे लाल या भूरा खून – आंतों के ऊपरी हिस्से, जैसे कोलन (Colon) या छोटी आंत से आ सकता है।
- टारी, डमर जैसा काला मल – यह ऊपरी (Stomach, Small Intestine) से खून आने का संकेत है और यह गंभीर समस्या हो सकती है।
अगर आपको मल में खून बार-बार दिखाई दे रहा है या कोई अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
लैट्रिन में खून आने के कारण (Latreen Me Khoon Aane Ke Karan)
1. बवासीर (Piles / Hemorrhoids)
क्या होता है?
बवासीर यानी हैमोरॉयड्स (Hemorrhoids) तब होती है जब मलाशय (Rectum) और गुदा (Anus) की नसें सूज जाती हैं और उनमें दबाव बढ़ जाता है। इससे मलत्याग के दौरान खून आ सकता है, खासकर जब आप कब्ज के कारण ज़्यादा ज़ोर लगाते हैं।
बवासीर के प्रकार:
- Internal Hemorrhoids: यह गुदा के अंदर होती है और आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन लैट्रिन में ताजा, चमकदार लाल खून आ सकता है।
- External Hemorrhoids: यह गुदा के बाहर उभरती है और दर्द, खुजली और सूजन के साथ खून आ सकता है।
मुख्य कारण:
- कब्ज और मल कठोर होना
- लंबे समय तक टॉयलेट में बैठना
- मोटापा
- गर्भावस्था
- आयरन टेबलेट्स लेना
2. एनल फिशर – Anal Fissure
क्या होता है?
गुदा की त्वचा में छोटे-छोटे कट (फिशर) बन जाते हैं, जिससे मलत्याग के दौरानतेज़ दर्द और हल्का खून निकलता है।
कैसे पहचाने?
- मल के साथ हल्का लाल खून आता है।
- लैट्रिन के दौरान और बाद में तीव्र जलन और दर्द महसूस होता है।
- कुछ घंटों तक गुदा में मांसपेशियों की ऐंठन महसूस हो सकती है।
मुख्य कारण:
- लंबे समय तक कब्ज रहना
- कठोर या सूखा मल निकालना
- डायरिया (बार-बार पतला मल आना)
- गुदा की मांसपेशियों में तनाव
- लम्बी सिटींग
3. आंतों का संक्रमण (Intestinal Infections)
क्या होता है?
आंतों में बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी (Parasites) के संक्रमण के कारण आंतों की सूजन जाती हैं, जिससे लैट्रिन में खून आ सकता है।
कैसे पहचाने?
- दस्त (Diarrhea) के साथ खून आना
- पेट में दर्द और ऐंठन
- बुखार और कमजोरी
संक्रमण के मुख्य कारण:
- दूषित पानी या भोजन (फूड पॉइज़निंग)
- टाइफाइड, डायरिया, या आंतों में बैक्टीरिया (जैसे ई. कोलाई, साल्मोनेला)
- अमीबियासिस (एक परजीवी संक्रमण जो गंदे पानी से फैलता है)
4. पेट में अल्सर (Peptic Ulcer)
क्या होता है?
जब पेट या छोटी आंत में छाले (Ulcers) बन जाते हैं, तो वहां से धीरे-धीरे खून निकल सकता है।
कैसे पहचाने?
- मल गहरे काले रंग (टार जैसा) का दिख सकता है।
- पेट के ऊपरी हिस्से में जलन और दर्द महसूस होता है।
- अधिक एसिडिटी और खाना खाने के बाद जलन बढ़ती है।
मुख्य कारण:
- ज्यादा चाय-कॉफी या शराब पीना
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण
- ज्यादा एसिड बनने के कारण पेट की परत कमजोर हो जाना
5. बड़ी आंत की सूजन (Ulcerative Colitis & Crohn’s Disease)
क्या होता है?
यह एक क्रॉनिक सूजन संबंधी बीमारी होती है, जिसमें आंतों में सूजन आती है और छाले बन जाते हैं और उनसे खून निकल सकता है।
कैसे पहचाने?
- दस्त के साथ खून और Mucus आता है।
- पेट में ऐंठन और दर्द रहता है।
- अचानक वजन घटने लगता है।
- हर समय थकान महसूस होती है।
मुख्य कारण:
- इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी
- आनुवंशिक कारण (Family history)
- ज्यादा मसालेदार और असंतुलित खानपान
6. कोलन पॉलीप्स या कैंसर (Colon Polyps & Colon Cancer)
क्या होता है?
बड़ी आंत में छोटे मांस के उभार (Polyps) बन सकते हैं, जो धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकते हैं। यह आंतों की परत को प्रभावित कर सकता है, जिससे खून आ सकता है।
कैसे पहचाने?
- मल में गहरा लाल या काला खून आ सकता है।
- अचानक वजन कम होना।
- कमजोरी और थकान (एनीमिया की वजह से)।
मुख्य कारण:
- अनुवांशिक (Genetic) कारण
- ज्यादा प्रोसेस्ड और जंक फूड खाना
- स्मोकिंग और शराब का सेवन
7. डाइवर्टीकुलोसिस (Diverticulosis)
क्या होता है?
जब बड़ी आंत की दीवार में छोटे-छोटे थैले (Diverticula) बन जाते हैं और वे सूजकर फट जाते हैं, तो मल के साथ खून आ सकता है।
कैसे पहचाने?
- अचानक बिना दर्द के मल में खून आना।
- पेट के बाईं ओर दर्द महसूस होना।
- पेट फूलना और गैस बनना।
मुख्य कारण:
- कम फाइबर वाला आहार
- बार-बार कब्ज रहना
- बढ़ती उम्र
लैट्रिन में खून आने का टेस्ट (Latreen Me Khoon Aane Ka Test)
समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट करा सकते हैं:
1. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination)
- डॉक्टर मलाशय (Rectum) और गुदा (Anus) की जांच करेंगे।
2. स्टूल टेस्ट (Stool Test – Occult Blood Test)
- इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि मल में खून तो मौजूद हैं या नहीं।
3. कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy)
- इस टेस्ट में एक पतली ट्यूब कैमरा के साथ बड़ी आंत में डाली जाती है ताकि डॉक्टर आंतों की सतह का निरीक्षण कर सकें।
4. एंडोस्कोपी (Endoscopy)
- यह भोजन की नाली, पेट और छोटी अंत के शुरूआती हिस्से में अल्सर या किसी और समस्या का पता लगाने के लिए किया जाता है।
5. सीटी स्कैन (CT Scan) और एमआरआई (MRI)
- गंभीर मामलों में डॉक्टर आंतों की पूरी संरचना को समझने के लिए इमेजिंग टेस्ट कर सकते हैं।
लैट्रिन में खून आने का इलाज (Latreen Me Khoon Ka Ilaj)
इलाज का तरीका समस्या के कारण पर निर्भर करता है:
- बवासीर या एनल फिशर: कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार और खूब पानी पिएं। गंभीर मामलों में दवइया या सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
- संक्रमण: डॉक्टर एंटीबायोटिक्स या प्रोबायोटिक्स दे सकते हैं।
- अल्सर: पेट के एसिड को कम करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
- कोलन कैंसर: पॉलीप्स हटाने या कैंसर का इलाज करने के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
निष्कर्ष
अगर आपको लैट्रिन में बार-बार खून आ रहा है, तो इसे हल्के में न लें। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। जल्दी से डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे सही कदम होगा।
डॉ. ऋषब शर्मा, जयपुर में एक अनुभवी गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट हैं, जो पाचन और लिवर से जुड़ी समस्याओं का प्रभावी इलाज करते हैं। तुरंत अपॉइंटमेंट लें और अपने स्वास्थ्य की सही देखभाल करें!
👉 अगर आपको यह समस्या हो रही है, तो तुरंत अपॉइंटमेंट बुक करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें!
📞 संपर्क करें: 096100 11223
🏥 क्लिनिक का पता: DURGA POLYCLINIC, opposite Pillar Number 62, near Kama Building, Mahent Nagar, Suraj Nagar West, Sodala, Jaipur, Rajasthan 302006
Related Blogs
Best Foods to Keep Your Liver Healthy in Jaipur’s Busy Lifestyle
Best Foods to Keep Your Liver Healthy in Jaipur’s Busy LifestyleBy Dr. Rishab Sharma, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gastroenterology) The liver is an unsung hero of your body, silently performing over 500 functions that are crucial for your survival. It...
Alcoholic vs Non-Alcoholic Fatty Liver: Understanding the Difference
Alcoholic vs Non-Alcoholic Fatty Liver: Understanding the DifferenceBy Dr. Rishab Sharma, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gastroenterology) The liver is one of the most hardworking organs in your body. It processes everything you eat and drink, filters toxins, and...
Signs You May Have a Gallbladder Problem
Signs You May Have a Gallbladder Problem: Symptoms You Shouldn’t Ignore By Dr. Rishab Sharma, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gastroenterology) The gallbladder is a small but important organ that helps your body digest fats by storing and releasing bile. Although...
Stages of Fatty Liver Disease
Stages of Fatty Liver Disease: From Steatosis to Cirrhosis By Dr. Rishab Sharma, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gastroenterology) The liver is a remarkable organ that performs hundreds of vital functions, including processing nutrients, filtering toxins, and...
Common Symptoms of a Fatty Liver Disease: What to Watch Out For
Common Symptoms of a Fatty Liver Disease: What to Watch Out For By Dr. Rishab Sharma, MBBS, MD (Internal Medicine), DrNB (Gastroenterology) Fatty liver disease is often silent in its early stages, making it a tricky condition to detect without regular check-ups....