दोस्तों, क्या आपने कभी मोशन जाने के बाद पॉट में देखा है कि आपके stool या मल का रंग कैसा है. क्या आपने ध्यान दिया है की कहीं कोई ब्लड तो पॉट में नहीं है. क्या आपने इस ब्लड के रंग पे ध्यान दिया है की ब्लड का रंग  कैसा है? चमकदार लाल? गहरा लाल? मैरून? या काला? अगर नहीं तो आज से ही दोस्तों आप मोशन जाने के बाद आप ज़रूर  ध्यान दीजियेगा. आपके स्टूल का रंग और लैट्रिन में आने वाले ब्लड का रंग किसी भी  बीमारी में बारे में काफ़ी जानकारी दे सकता है. आज के हमारे इस  वीडियो में हम विस्तार से बात करेंगे की लैट्रिन में आने वाला ब्लड किस किस रंग का हो सकता है और इन रंगों से हमे क्या क्या पता चल सकता है. इसलिए इस वीडियो के अंत तक हमारे साथ जुड़े रहिए.  नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc health आपको scientifically backed सही और ज़रूरी मेडिकल एजुकेशन आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है और  आगे भी ऐसी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे  चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें.

दोस्तों, लैट्रिन में ब्लड हमारे पाचन तंत्र में कहीं से भी आ सकता है. यह ऊपरी पाचन तंत्र से आ सकता है जिस में  आते हैं पेट, duodenum और छोटी आँत. यह ब्लड निचले पाचन तंत्र से भी आ सकता है जिस में आते हैं colon या बड़ी आँत, rectum और anus. दोनों ही पाचन तंत्र या git से होने वाली ब्लीडिंग से जब लैट्रिन में खून आने लगता है तो उस ब्लड का रंग इस बात पे निर्भर करता है की ब्लड कहाँ से आ रहा है. हम ऊपर से शुरू करते हैं. अगर upper git या ऊपरी पाचन तंत्र से ब्लड आ रहा है तो stool या मल का रंग बिलकुल काला होगा और ऐसे स्टूल में बदबू भी ज़्यादा होगी. ऐसे स्टूल को मेडिकल भाषा में malena भी कहा जाता है. अब आप सोचेंगे की ब्लड तो लाल रंग का होता है तो काली लैट्रिन कैसे आ सकती है. तो आइए   समझते है कि ब्लड का रंग लाल से काला कैसे हो जाता है. अगर ऊपरी पाचन तंत्र में peptic ulcer है या varices है और वह bleed कर रही है तो यह ब्लड सबसे पहले तो पेट के एसिड के संपर्क में आता है जिससे यह ब्लड काला पड़ जाता है. इसके अलावा अगर छोटी आँत से ब्लड आ रहा है और यह ब्लड छोटी आँत से जल्दी नहीं निकल पा रहा है तो वहाँ के बैक्टीरिया इस ब्लड पे काम करना शुरू कर देते है और ब्लड को काला कर देते है  जिससे लैट्रिन का रंग काला हो जाता है. ज़रूरी नहीं है कि ऊपरी पाचन तंत्र से जो ब्लड आएगा वह हमेशा काला ही होगा. अगर पाचन तंत्र के ऊपरी भाग में बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो लैट्रिन में लाल चमकदार खून भी आ सकता है.

दोस्तों, अब आते हैं नीचे. अगर ब्लड ascending colon या transverse colon यानी बड़ी आँत से आ रहा है तो ऐसे ब्लड का रंग मैरून या गहरा लाल हो सकता है. यह खून latrine के साथ मिक्स हो कर आता है. अगर ब्लीडिंग बहुत ज़्यादा है तो कई बार latrine में खून के थक्के भी आ सकते हैं. इससे और नीचे आते हैं sigmoid colon और rectum या यूँ कहे बड़ी आँत के आख़िरी भाग पे . अगर यहाँ से ब्लड आ रहा है तो वह ब्लड चमकदार लाल रंग का हो सकता है पर यह ब्लड लैट्रिन के साथ मिक्स हो कर आता है. अगर यही चमकदार लाल खून आपको लैट्रिन से अलग पॉट में दिखायी देता है तो यह ब्लड anus या मलद्वार से आया है. अगर ब्लीडिंग anus से हो रही है तो यह ब्लीडिंग latrine करते समय बूँद बूँद करके आ सकती है या फिर एक तेज धार की तरह भी आ सकती है पर ध्यान देने वाली बात यही है कि यह blood हमेशा लैट्रिन  से अलग होता है. दोस्तों,

आपने देखा कि किस तरह ब्लड के रंग से एक अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ब्लीडिंग कहा हो रही है और लैट्रिन में खून कहा से आ रहा है  पर यह सिर्फ़ एक rough estimate है. यानी ज़रूरी नहीं है कि ब्लैक लैट्रिन आ रही है तो ब्लीडिंग ऊपर के पाचन तंत्र में ही हो रही है. कई बार जब बड़ी आँत में ब्लीडिंग होने लगती है और यह ब्लीडिंग बहुत कम और धीरे धीरे होती है तो यह ब्लड वहाँ से जल्दी निकल नहीं पाता है. और इस ब्लड पे बैक्टीरिया काम करने लगते हैं और इस ब्लड को काला कर देते है जिससे latrine काली लगती है. इसी तरह अगर पेट में या भोजन नली में varices की वजह से बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो यही ब्लीडिंग लैट्रिन में चमकदार लाल नज़र आती है. इसके अलावा कई बार लैट्रिन में ब्लड नज़र नहीं आता है पर खून की कमी के लक्षण मरीज़ को होते हैं. ऐसे केसेज में मरीज़ का occult ब्लड stool टेस्ट कराया जाता है जिससे पता चलता है की लैट्रिन में खून है या नहीं. तो दोस्तों, आशा है आज यहाँ दी गई जानकारी आपके लिये लाभप्रद साबित होगी और  अगली बार आप ज़रूर ध्यान देंगे की latrine के साथ आने वाले ब्लड का रंग कैसा है.