by | Mar 14, 2024 | Anal Fissure | 0 comments

नमस्कार दोस्तों! पिछले वीडियो में हमने बात की, कि anal fissure कैसे होता है? और anal fissure होने के कारण क्या हैं? आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे कि anal fissure का diagnosis कैसे होता है, कौन सी जांच करना जरूरी होता है और इसके इलाज के क्या क्या ऑप्शंस हैं. इसके अलावा हम ये भी जानेंगे कि anal fissure की शुरुआत में आप क्या घरेलू उपाय कर के इसे ठीक कर सकते हैं. इसलिए इस वीडियो को आप अंत तक ज़रूर देखें. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc health आपको scientifically backed सही और ज़रूरी मेडिकल एजुकेशन आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है और  आगे भी ऐसी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे  चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें.

दोस्तों! अगर आपको लैट्रिन जाते समय बहुत तेज दर्द हो रहा है तो आप डॉक्टर के पास जाते हैं. डॉक्टर सबसे पहले आपसे पूछेंगे आपके दर्द के बारे में और क्या आपको कब्ज है या आपको और कोई लंबी बीमारी है जिसके लिए आप कोई दवा ले रहे हैं. उसके बाद वे आपके मल द्वार का एग्जामिनेशन करेंगे जिस में वह यह देखेंगे कि आपके मल द्वार पर कोई क्रैक तो नहीं है और क्या कोई छोटी सी गाँठ या स्किन tag तो नहीं हैं. इस एग्जामिनेशन से ही आपको anal fissure है या नहीं इसका पता चल जाता है. इसके बाद आपको डॉक्टर आपकी कब्ज के लिये और लैट्रिन को नरम करने के लिए stool softener prescribe करते हैं और आपको घर पे मल द्वार की सिकाई करने के लिए भी कहते हैं. इस सिकाई को sitz bath कहते हैं. इसमें आपको एक चौड़े और कम ऊँचाई के टब में हल्का गर्म यानी गुनगुना पानी लेना है और उस में 15-20 minute बैठना है जिससे मल द्वार की सिकाई होती है. इस tub में आप 2-3 ढक्कन dettol डाल सकते हैं. stool softener और ये सिकाई anal fissure के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण माने गये हैं. सिर्फ़ इतना करने से ही ज़्यादातर anal fissure के मरीज़ों को आराम मिल जाता है. इसके अलावा आपको मल द्वार पे लगाने के लिए एक क्रीम भी दी जाती है जिससे आप का मल द्वार सुन्न हो जाता है और आपका दर्द हो काम हो जाता है जिससे latrine जाते समय दर्द नहीं होता है और ज़ोर भी लगाना नहीं पड़ता है. कई cream या ointment आपके anal sphincter को relax करने में भी मदद करते हैं. पर अगर मरीज़ को ज़्यादा दर्द  है तो मरीज़ को दर्द के लिए painkillers भी prescribe की जाती हैं. अगर anal fissure chronic हो गया है यानी anal fissure को हुए काफ़ी time हो गया है और यह infected भी लग रहा है तो आपको antibiotics भी दी जा सकती है. anal fissure के इलाज में muscle relaxants भी prescribe किए जा सकते हैं.  अगर इस treatment के बाद भी मरीज़ को आराम नहीं मिलता है तो मरीज़ को ऑपरेशन की सलाह दी जाती है.

anal fissure के लिए होने वाले ऑपरेशन में internal anal sphincter पर एक तरफ़ cut लगाया जाता है जिससे उसका spasm चला जाता है. इस ऑपरेशन को lateral sphincterotomy कहते हैं. इससे advanced  surgery है advancement flap सर्जरी. इस ऑपरेशन में शरीर में कहीं और से अच्छी blood supply वाला tissue लिया जाता है और anal fissure पर लगाया जाता है जिससे fissure की healing अच्छी होती है.  इसके अलावा laser द्वारा भी anal फ़िशर की सर्जरी आजकल की जाती है. anal fissure के ये ऑपरेशन कमर में सुई लगा कर कमर के नीचे के हिस्से को सुन्न करके किए जाते है यानी spinal एनेस्थीसिया में किए जाते है. पर आपके लिये कौनसी surgery और कौनसा एनेस्थीसिया सही रहेगा ये decision आपके डॉक्टर और anesthetist आपकी बीमारी और आपकी overall हेल्थ को ध्यान में रख कर लेते हैं. इस ऑपरेशन के अगले ही दिन आपको घर भेज दिया जाता है. घर जा कर आपको prescribed medicines टाइम से लेनी है और मल द्वार की सिकाई भी दिन में तीन से चार बार करनी है.

अगर आपको ऑपरेशन के बाद मल द्वार से ज़्यादा bleeding हो रही है या बुख़ार आ रहा है या आपको असहनीय दर्द हो रहा है तो आपको तुरंत बिना देर किए अपने surgeon से संपर्क करना है. तो दोस्तों! ये तो हमने बात की, कि anal fissure के इलाज के क्या क्या options उपलब्ध हैं. अब जानते हैं कि अगर आपको पहली बार एनल fissure हुआ है तो घर पे कौनसे उपाय करके आप इस समस्या से निज़ात पा सकते हैं. इसमें सबसे पहले आता है फाइबर वाली डाइट. अपनी डाइट में फाइबर बढ़ाये. सलाद और ताज़े मौसमी फल खाए. जूस के बजाय फल को ही खाये क्योंकि जूस में सारा फाइबर निकल जाता है. ज़रूरत हो तो ईसबगोल अपनी डाइट में शामिल करे. अगला उपाय है हाइड्रेशन. खूब पानी पिये क्योंकि अगर आप सिर्फ़ फाइबर बढ़ायेंगे और पानी कम पियेंगे तो लैट्रिन में bulk तो बढ़ जाएगा पर वह हार्ड हो सकती है. इसलिए पर्याप्त पानी पीना भी बहुत ज़रूरी है. अगला उपाय है sitz bath. अगर आपको anal fissure हो गया है तो मल द्वार की सिकाई दिन में तीन से चार बार ज़रूर करे और ख़ासकर लैट्रिन जाने के बाद तो करना ही है. इस सिकाई से मल द्वार की सूजन कम होती है और दर्द में भी आराम मिलता है .

इसके अलावा अपनी डाइट में मौसमी खट्टे फल शामिल कर के vitamin सी की मात्रा बढ़ाये. ये vitamin सी शरीर के किसी भी घाव को भरने में मददगार साबित होता है इसलिए यहाँ विटामिन सी ज़रूरी है. अगला बहुत ज़रूरी टिप है meditation. ये इसलिए ज़रूरी है दोस्तों! क्योंकि अपने आप को relax रखना ज़रूरी है, रोज़मर्रा के stress को manage करना ज़रूरी है. लैट्रिन जब भी जाये relax हो कर जाये. जल्दबाज़ी ना करे ज़ोर ना लगाये. समय दे. जीवन में एक positive attitude अपनाए. फिर देखिए कमाल! यह सुन कर आपको अटपटा लग सकता है कि anal fissure और positive attitude और meditation इन सबका क्या relation है. पर दोस्तों! तनाव का हमारे शरीर में हो रही हर समस्या से कनेक्शन है. इसलिए अपनी लाइफस्टाइल में योग, मैडिटेशन, pilates (पिलाटेज) को भी शामिल ज़रूर करे.    

तो दोस्तों यह थी जानकारी anal fissure केइलाज के बारे में, दोस्तों अगर आपके लैट्रिन में खून आता है तो इसके anal fissure के अलावा कई और कारण भी हो सकते हैं और आप लैट्रिन में खून karano के बारे में जानना चाहते हैं तो आप राइट में दिए वीडियो पर क्लिक करेंऔर अगर आज का ये वीडियो आपको पसंद आया तो like ज़रूर करे और ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे. आगे भी ऐसी जानकारी से अपडेटेड रहने के लिये हमारे चैनल thydoc हेल्थ को ज़रूर सब्सक्राइब करे. बाकी भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए आप ऊपर दिए गए नंबर पर संपर्क करें|धन्यवाद