शराब के नुकसान या फायदे? | आपका शरीर Alcohol कैसे Digest करता है? | शराब शरीर पर कैसे असर करती है?

शराब के नुकसान या फायदे? | आपका शरीर Alcohol कैसे Digest करता है? | शराब शरीर पर कैसे असर करती है?

दोस्तों, क्या आप जानते हैं की शराब हमारे शरीर में जा कर कैसे शरीर से बाहर निकलती है? यानी शराब या अल्कोहल का मेटाबोलिज्म कैसे होता है? क्या ये मेटाबोलिज्म पुरुषों और महिलाओं दोनों में एक ही तरह से होता है? आखिर शरीर का कौनसा वह अंग है जो अल्कोहल को प्रोसेस करने में मुख्य भूमिका निभाता है? आईये, आज के इस वीडियो में हम यही सब जानेंगे. दोस्तों, अगर आप स्वास्थ्य से जुड़ी scientific जानकारी आगे भी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे चैनल Thydoc health को सब्सक्राइब करना ना भूले और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर जरूर करें.

दोस्तों शराब का पाचन शरीर में दूसरे food item की तरह नहीं होता है. जब हम अल्कोहल या शराब पीते है और शराब हमारे मुँह से हो कर जाती है तब सबसे पहला अल्कोहल का absorption हमारी जीभ से होता है. शराब के शरीर पर dehydrating इफ़ेक्ट होते हैं और जैसे ही शराब जीभ की सतह से हो कर जाती है वह जीभ को सुखा देती है और जीभ पर एक सफ़ेद परत बन जाती है. और इस सफ़ेद परत के बनने का कारण ये है की शराब के सेवन से जीभ की सतह पर स्वाद के लिए पाए जाने वाले papilla में inflammation होने लगता है यानी सूजन आने लगती है और वहाँ बैक्टीरिया और मृत कोशिकाएं इसमें इकट्ठी होने लगती है और ये बैक्टीरिया और सूजन से ही जीभ पर एक सफ़ेद परत बन जाती है. पर किसी भी पेय पदार्थ की तरह शराब का संपर्क भी जीभ के साथ कुछ सेकण्ड्स का ही होता है और शराब मुँह से हो कर हमारे भोजन नली यानी oesophagus से होते हुए हमारे पेट में पहुंचती है. पेट अगर खाली है यानी अगर पेट में कोई सॉलिड फ़ूड नहीं है तो अल्कोहल पेट से तुरंत ही छोटी आंत यानी small intestine में पहुँच जाती है और वहाँ से छोटी आंत की दीवारों से capillaries यानी छोटी छोटी blood vessels से होते हुए खून तक पहुँच जाती है और इस तरह ख़ाली पेट शराब की एक ड्रिंक पीने के करीब आधे घंटे में ही एक ड्रिंक पूरी तरह अब्सॉर्ब हो जाती है यानी हमारे खून तक पहुँच जाती है और आपको intoxication यानी शराब का नशा होने लगता है. पर अगर आपने खाना खाया हुआ है यानी पेट में भोजन है तो अल्कोहल भोजन के साथ मिल जाता है और तुरंत छोटी आंत तक नहीं पहुँच पाती है. इसलिए खाने के साथ ली हुयी एक ड्रिंक से अल्कोहल का इफ़ेक्ट बहुत धीरे धीरे आता है और अल्कोहल का peak इफ़ेक्ट भी लेट आता है. अल्कोहल पेट में एसिड के secretion को भी बढ़ाता है इसलिए जो शराब के आदि है उन्हें अक्सर पेट में अलसर हो जाते हैं और पेट में बहुत तेज दर्द भी हो सकता है इसलिए हमेशा शराब के साथ अच्छी डाइट और खासकर फैटी खाना खाना चाहिए। studies में देखा गया है की fatty foods के साथ अगर अल्कोहल ली जाए तो खाली पेट अल्कोहल पीने की तुलना में अल्कोहल कि peak blood concentration पचास प्रतिशत तक कम देखी गई है. इसीलिए शराब के साथ अगर आप एक हैवी मील लेते हैं तो शराब का पीक इफ़ेक्ट इतना जल्दी नहीं आ पाता है.

(शराब का मुख्य absorption छोटी आंत से होता है क्यूंकि छोटी आंत का surface एरिया बहुत ज्यादा होता है और ये इसलिए होता है क्यूंकि छोटी आंत बहुत सारे ऊंगलीनुमा projections होते हैं जिन्हें villi कहते हे जो small intestine का सरफेस एरिया और बढ़ा देते हैं. और सरफेस एरिया ज्यादा होने से छोटी आंत से पोषक तत्व अच्छी तरह अब्सॉर्ब हो पाते हैं. हमारे शरीर के सभी अंगों की तरह हमारा पेट और छोटी आंत भी बहुत सारी छोटी छोटी capillaries से घिरा होता है. जैसे ही अल्कोहल छोटी आंत के epithelial सेल्स को क्रॉस करता है और और capillaries की दीवार को क्रॉस कर के खून तक पहुंचता है वैसे ही वह खून के बहाव के साथ veins में पहुँच जाता है और veins अल्कोहल को शरीर के दूसरे अंगों तक ले जाती है जैसे की लिवर, किडनी, ब्रेन, लंग्स)

और यहाँ तक की अगर गर्भवती महिला अल्कोहल का सेवन करती है तो अल्कोहल अजन्मे बच्चे तक भी पहुँच जाता है. जब अल्कोहल हमारे मस्तिष्क में पहुँचता है तो वहाँ अल्कोहल हमारे neurotransmitter में बदलाव करता है जो हमारे स्वभाव और thoughts को बदलता है. अल्कोहल हमारे neurons यानी ब्रेन cells में ट्रांसमिशन को भी ब्लॉक करता है और फिर अल्कोहल intoxication के असर नजर आने लगते हैं यानी नशा होने लगता है- जैसे की मूड में बदलाव, ठीक से सोच न पाना, कोई decision ना ले पाना, impulsive behaviour, जबान का लड़खड़ाना, कुछ याद न रहना, reflexes slow हो जाना, ठीक से चल न पाना और पैरो का लड़खड़ाना। और ये सभी असर इस बात पे निर्भर करते है की आपने कितनी शराब पी है। जितनी ज्यादा शराब आप पियेंगे उतना ज्यादा ये असर आपको होंगे. इसके अलावा शराब मस्तिष्क में dopamine का secretion भी करता है जो की एक pleasure हार्मोन है यानी इस hormone के secretion से आपको pleasure महसूस होता है इसलिए लोगों को शराब पीने के बाद अच्छा महसूस होता है. पर जितना ज्यादा शराब हम पीते है उतना कम dopamine secrete होता है इसीलिए लोग उस same pleasure वाली फीलिंग पाने के लिए शराब और ज्यादा पीने लगते है और धीरे धीरे अल्कोहल के एडिक्ट हो जाते हैं.

दोस्तो हमारे शरीर का वह मुख्य अंग जहां अल्कोहल प्रोसेस होता है वह है लिवर. लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है और लिवर का मुख्य काम होता है शरीर से हर तरह के टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर करना। अल्कोहल intake का नब्बे प्रतिशत भाग लिवर में metabolise होता है. लिवर करीबन 14 ग्राम अल्कोहल प्रति घंटे metabolise करता है. पर यह हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकता है. शरीर में किस दर से और कितना जल्दी अल्कोहल metabolise होगा ये इस बात पर निर्भर करता है की उस व्यक्ति की जनरल हेल्थ कैसी है, उसने कितनी शराब पी है, इसके पहले उसने कब और कितनी शराब पी थी, उसने शराब के साथ क्या खाया था और कितना खाया था, इसके अलावा उस व्यक्ति के जेनेटिक्स पर भी ये निर्भर करता है. और जब तक अल्कोहल पूरी तरह metabolise नहीं होता तब तक अल्कोहल हमारे ब्लड में रहता है और शरीर में बाकी जगह से निकलने लगता है जैसे की आपकी सांस के साथ और इसी वजह से ब्रेथ एनालाइजर में अल्कोहल डिटेक्ट हो जाता है. इसके अलावा पेशाब में, लार में और पसीने से भी अल्कोहल शरीर से निकलता है. लिवर में अल्कोहल के मेटाबोलिज्म में दो एंजाइम मुख्य भूमिका निभाते हैं. पहला एंजाइम है alcohol dehydrogenase और दूसरा है aldehyde dehydrogenase. ये दोनों एंजाइम मिल कर अल्कोहल के molecules को तोड़ते है ताकि अल्कोहल आसानी से शरीर से बाहर निकाला जा सके. दोस्तों, इस प्रक्रिया के दौरान कुछ ऐसे molecule भी बनते हैं जो अल्कोहल से ज्यादा हानिकारक होते हैं. और अगर ये लिवर में इकट्ठे होते जाए तो ये लिवर की बिमारी भी कर सकते हैं और लिवर को डैमेज भी कर सकते हैं. और दोस्तों, अल्कोहल का मेटाबोलिज्म महिलाओं और पुरुषों में same नहीं होता है और इसका कारण है दोनों में पाए जाने वाले अल्कोहल dehydrogenase या adh एंजाइम. पुरुषों में अल्कोहल dehydrogenase एंजाइम महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है और ये एंजाइम पुरुषों में लिवर और पेट दोनों अंगों में पाया जाता है जिस वजह से पुरुषों में पेट में पाए जाने वाले adh एंजाइम की वजह से अल्कोहल का अब्सॉर्प्शन पेट से तीस प्रतिशत तक कम होता है. जबकि महिलाओं में पेट में ये adh एंजाइम होता ही नहीं है और सिर्फ लिवर में adh एंजाइम होता है. और इस वजह से महिलाओं में पेट से अल्कोहल ज्यादा अब्सॉर्ब होता है और ब्लड तक पहुँचता है. और तो और, महिलाओं में लिवर में पाया जाने वाला adh एंजाइम पुरुषों में पाए जाने वाले एंजाइम की तुलना में कम सक्रिय होता है. तो अगर कोई महिला और पुरुष बराबर मात्रा में और बराबर समय तक अल्कोहल का सेवन करते हैं तो महिलाओं में अल्कोहल का नशा ज्यादा होता है और जल्दी होता है.

दोस्तों अगर अगर आपको alcohol ka addiction हैं और आप जानना चाहते हैं alcohol को छोड़ते ही आपके शरीर को क्या फ़ायदा होगा तो आप राइट में दिए वीडियो पर क्लिक करें और अगर आज का ये वीडियो आपको पसंद आया तो like ज़रूर करे और ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे. आगे भी ऐसी जानकारी से अपडेटेड रहने के लिये हमारे चैनल thydoc हेल्थ को ज़रूर सब्सक्राइब करे. बाकी भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए आप ऊपर दिए गए नंबर पर संपर्क करें|धन्यवाद