नमस्कार दोस्तों, डायबिटीज की शुरुआती स्टेज में डॉक्टर आपको लाइफस्टाइल बदलने का सुझाव देते हैं. और अगर शुरुआती स्टेज में आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव ला पाते हैं तो डायबिटीज को दवाओं के बिना भी कंट्रोल किया जा सकता है, या फिर दवाइयों की जो रिक्वायरमेंट है वह कम करी जा सकती है. lifestyle modification में आता है आपकी डाइट और एक्सरसाइज. डाइट के बदलावों के लिए आप हमारा diet in diabetes वीडियो देख सकते हैं, जिसका लिंक आपको वीडियो के आखरी में मिल जाएगा. आज के इस वीडियो में हम डायबिटीज पर कंट्रोल के लिये क्या exercise और physical activity बेस्ट है यह डिस्कस करेंगे. इस वीडियो में हम बात करेंगे फिजिकल एक्टिविटी क्यों आपके लिए जरूरी है, सप्ताह में कितने टाइम आपको एक्सरसाइज करनी है, डायबिटीज के पेशेंट को एक्सरसाइज करते समय क्या सावधानियां रखनी है, और हम बात करेंगे aerobic exercises, स्ट्रैंथ ट्रेंनिंग एंड स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc हेल्थ पे हम आपको scientifically backed सही मेडिकल जानकारी आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है. और आगे भी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारा चैनल subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर करें. दोस्तों,
सबसे पहले बात करते हैं की diabetes में exercise या physical activity क्यों ज़रूरी है? दोस्तों, फ़िज़िकली ऐक्टिव होने के बहुत सारे फ़ायदे है. physical activity से, आपकी ब्लड सुगर कम होने लगती है, ब्लड प्रेशर normal की तरह जाता है, शरीर में खून का प्रवाह इम्प्रूव होता है, एक्स्ट्रा calories burn होती हैं जिस से वजन भी कम होता है, आपका मूड अच्छा रहता है, बुजुर्गों में याददाश्त दुरुस्त रहती है, बुजुर्गों में बार बार गिर जाने की दिक़्क़त नहीं होती है, आपको अच्छी नींद आती है. अगर आप overweight हैं तो एक्सरसाइज के साथ डाइट में calories कम करके वजन कम कर सकते है जिस से आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होंगे, खर्राटों की समस्या से राहत मिलेगी, और आप आसानी घूम फिर पायेंगे, आपकी लोगों पर डिपेंडेंसी कम होगी. दोस्तों, कुछ नहीं से कुछ एक्सरसाइज हमेशा बेटर होती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार आपको सप्ताह में पाँच दिन 30-30 minute की moderate से vigorous physical activity करनी चाहिए. पर अगर आपको वजन कम करना है तो सप्ताह में पाँच दिन एक घंटे या उससे ज़्यादा की एक्सरसाइज करनी चाहिये. अब आपके मन में ये ख़याल आ सकता है कि अगर मुझे डायबिटीज है तो क्या फिजिकल एक्टिविटी मेरे लिये सेफ है? इसके लिए भी हमारे पास आपके लिए कुछ टिप्स है.
सबसे पहला है हाइड्रेशन- आप एक्सरसाइज से पहले, एक्सरसाइज़ के दौरान और उसके बाद भी पानी पिये. हमेशा hydrated रहे. अगला टिप है planning- अगर आप कोई नयी physical activity या एक्सरसाइज करना चाहते है तो आप अपने डॉक्टर से ज़रूर डिस्कस करेंगे. वे ही आपको बता पायेंगे की आपकी टारगेट सुगर रेंज कितनी होनी चाहिए, आपको दूसरी बीमारी भी अगर साथ में है तो क्या उस में यह physical एक्टिविटी सेफ रहेगी. आपकी डायबीटीज़ की दवा और sugar levels के अनुसार आपको दिन में किस समय एक्सरसाइज करनी चाहिए . अगर आप इन्सुलिन पर है तो आपको अपनी एक्सरसाइज, डाइट और इन्सुलिन डोस में एक बैलेंस बनाना होगा ताकि आपकी सुगर low नहीं हो. ये सारी बातें आपके डॉक्टर आपको बतायेंगे. अगला टिप है hypoglycemia से बचे- एक्सरसाइज से ब्लड सुगर कम हो सकती है और अगर आप इन्सुलिन पे हैं तो वह ज़्यादा कम भी हो सकती है इसलिए आपको ऐसे कार्बोहाइड्रेट rich स्नैक्स अपने साथ रखने चाहिए जो आप एक्सरसाइज से पहले, उसके दौरान और उसके बाद ले सके. आपको इन तीन समय पर अपनी शुगर्स भी चेक कर सकते है. अगला टिप है अपने feet का ध्यान रखें- डायबिटीज में ब्लड सुगर बढ़ने से पैरों में रक्त का संचार कम हो जाता है और पैर की nerves भी ख़राब होने लगती है इसलिए आपको अपने फीट का विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत होती है. आप कम्फर्टेबल और supportive जूते पहने. एक्सरसाइज के दौरान भी अपने पैरों का ध्यान रखे. दोस्तों, अगर आपको type 1 diabetes है और आपके ब्लड और यूरिन में कीटोंस है तो आपको एक्सरसाइज अवॉयड करनी चाहिए क्योंकि ऐसी कंडीशन में एक्सरसाइज करने से ब्लड सुगर और बढ़ सकती है.
अब बात करते हैं की आपको कौनसी physical activities diabetes में करनी चाहिए? अगर आप ने लंबे समय से एक्सरसाइज नहीं की है तो शुरू में रोज़ पाँच से दस मिनट कोई भी physical activity करे और हर सप्ताह ये टाइम थोड़ा थोड़ा बढ़ाते रहे. अपनी daily activities बढ़ाये और टीवी या screen time कम करे. टीवी ads के दौरान या फ़ोन पे बात करते समय walk करे. घर के छोटे मोटे कामों में हाथ बटाये जैसे की गार्डन साफ़ करना, गाड़ी साफ़ करना, घर साफ़ करना आदि. शॉपिंग करने जाये तो car थोड़ा दूर पार्क करे और वहाँ से पैदल जाये. लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करे. अपने परिवार के साथ walk पर जाये या उनके साथ cycle चलाये. अगर आप टीवी या कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठते हैं तो हर घंटे, तीन से चार मिनट का ब्रेक लेकर कोई एक्सरसाइज करे जैसे की leg lift or extension, overhead arm stretches, desk chair swivels, torso twists, side lunges, या अपनी जगह पे ही थोड़ा walk करे. दोस्तों, अब बात करते हैं aerobic exercises की. aerobic exercises से आपके दिल कि धड़कन बढ़ती है और साँसें भी तेज़ होती है. आपको रोज़ आधा घंटा aerobic एक्सरसाइज करने की कोशिश करनी चाहिए. ज़रूरी नहीं कि आप सारी aerobic एक्सरसाइज एक ही दिन करे. इसे आप पूरे सप्ताह में बाँट ले. एक्सरसाइज़ का ज्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने के लिए moderate से तेज intensity रखे. aerobic exercise में आप तेज़ चल सकते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं, swimming कर सकते है, water aerobics class भी जॉइन कर सकते हैं, आप डांस भी कर सकते है, आप bicycle चला सकते है या stationary bike भी चला सकते हैं, आप gym या exercise class join कर सकते हैं, बास्केटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन जैसे स्पोर्ट्स भी खेल सकते हैं. बस aerobics से पहले warm up ज़रूरी है और उसके बाद cool down.
दोस्तों, अब बात करते हैं strength ट्रेनिंग की- strength training light से moderate intensity की एक्सरसाइज़ होती है जो हमारी muscles को बनाती है और हड्डियों को मजबूर रखती है. strength training पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज़रूरी है. अगर आपके शरीर में muscles ज़्यादा होंगे और फैट कम होगा तो आप ज़्यादा calories बर्न करेंगे. ज़्यादा calories बर्न करके आप एक ideal body weight maintain कर पायेंगे. आप strength training में hand weights, elastic bands, या weight machine कुछ भी use कर सकते हैं. सप्ताह में दो से तीन बार strength training करने की कोशिश करे. जैसे जैसे आपके मसल्स मज़बूत होते जाये आप धीरे धीरे weights बढ़ा सकते हैं. दोस्तों, अब बात करते हैं stretching exercises की. stretching light से moderate intensity की एक्सरसाइज होती है. stretch करने से flexibility बढ़ती है, स्ट्रेस कम होता है और muscles sore नहीं होते हैं. आप अपनी पसंदीदा stretching एक्सरसाइज करे. योगा भी एक तरह की stretching हैं, जो हमारी साँस पे फोकस करता है और हमे रिलैक्स करता है. अगर आपको घूमने फिरने में,जमीन पर बैठने में या बैलेंस बनाने में कठिनाई होती है जो डायबिटीज के मरीज़ों में आम समस्या है, तो भी आप कुछ योगासन आसानी से कर सकते है जैसे की- chair योगा – जो आप कुर्सी पे बैठे बैठे या कुर्सी का सहारा ले कर, कर सकते हैं. तो दोस्तों, हमने जाना कि कैसे आप एक्सरसाइज या physical activity से अपनी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते है. बस ध्यान रखें कि कोई भी नयी एक्सरसाइज अपने रूटीन में शामिल करने से पहले आप अपने treating डॉक्टर से राय ज़रूर ले. दोस्तों अगर आप डायबिटीज में डाइट के बारे में डिटेल में जानना चाहते हैं, diabetes में क्या नहीं खाना है, क्या खाना है कितने अमाउंट में खाना है तो आप राइट में दिए गए वीडियो को देखें जिसमें मैंने डायबिटीज के पेशेंट की डाइट के बारे में बताया है|
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