दोस्तों, क्या आपके बच्चे का गला भी बार बार ख़राब होता है? और साथ ही साथ उसको कुछ भी निगलने में तकलीफ़ होती है जिसकी वजह से बच्चा खाना नहीं खा पाता है, और ये लक्षण बच्चे को बार बार होते हैं, तो हो सकता है उसे tonsillitis या टॉन्सिल का इन्फेक्शन हो रहा हो. आज के इस वीडियो में हम बच्चों की इसी परेशानी के बारे में बात करेंगे और जानेंगे की किन लक्षणों की मदद से आप जान पायेंगे कि आप के बच्चे को tonsil की बीमारी है ताकि उसका इलाज समय पर शुरू किया जा सके, हम ये भी जानेंगे कैसे बच्चों को टॉन्सिल की इस परेशानी से बचाया जा सकता है, कौनसे घरेलू तरीक़ों से आप बच्चे को इस समस्या में आराम दे सकते हैं और ये दवाओं से tonsillitis की बीमारी ठीक नहीं होती है कौनसी advance techniques से इसकी surgery की जाती है. और हाँ ये भी बात करेंगे की समय पर इसका इलाज ना किया जाये तो बच्चे में क्या गंभीर परिणाम हो सकते हैं, इसलिए ये वीडियो आप अंत तक ज़रूर देखे. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर shubhangi गुप्ता, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करती हूँ. ऐसी और health related जानकारी के लिए कृपया आप हमारे चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर करें.
दोस्तों, सबसे पहले बात करते हैं की आख़िर ये टॉन्सिल होते क्या है? टॉन्सिल एक तरह के lymphatic अंग है जिनका काम होता है शरीर के इन्फेक्शन को रोकना. ये हमारे गले में दोनों तरफ़ स्तिथ होते हैं. इनकी सामान्य साइज जामुन जितनी बड़ी होती है. ये हमारे मुँह के चौकीदार की तरह रहते हैं और कीटाणु को मुँह में घुसने से रोकते है. दोस्तों! tonsillitis का मतलब है टॉन्सिल का infection या inflammation या यूँ कहे टॉन्सिल की सूजन हो जाने पर उसे मेडिकल भाषा में tonsillitis कहते है. जब किसी वायरस या बैक्टीरिया का इन्फेक्शन होता है तो हमारे tonsils उन्हें रोकने में जुट जाते है और इसी लड़ाई में तो tonsils inflamed हो जाते हैं, मतलब टॉन्सिल में सूजन आ जाती है जिससे टॉन्सिल size में बड़े हो जाते है. इसी को tonsillitis कहते हैं. इस वजह से ही मरीज़ को लक्षण आने लगते है. Tonsil के इस इन्फेक्शन का सबसे common कारण वायरस होते हैं और दूसरा common कारण bacteria है.
tonsillitis होने का ख़तरा बच्चों में और ख़ासकर 5-15 साल की उम्र में ज़्यादा होता है. puberty या किशोरावस्था के बाद tonsil का immune function कम हो जाता है जिससे tonsillitis का रिस्क भी कम हो जाता है. स्कू ल जाने वाले वे बच्चे जो दूसरे बच्चों के संपर्क में ज़्यादा आते है एक दूसरे की जूठी बॉटल और दूसरी खाने की चीज़ें आपस में शेयर करते हैं उन्हें भी tonsillitis का रिस्क ज़्यादा होता है. Bado me bhi tosnil ka infection ho sakta hai jisme mareej ko 5 se 6 bar saal me tonsil ka infection bar bar hota hai Iअब जानते हैं कि tonsillitis के लक्षणों के बारे में. जब किसी बच्चे को tonsillitis होता है तो tonsil लाल और बड़े हो जाते हैं, ये गले में गाँठ जैसे भी महसूस हो सकते हैं और इन्हें गर्दन में बाहर से छूने पर दर्द होता है. गर्दन में बाहर से दबाने पर अगर दर्द होता है इसका मतलब ये है की गले में दूसरी ग्रंथियों में भी सूजन आ गई है,
अगला लक्षण होता है खाना निगलने में कठिनाई जिसके कारण बच्चे खाना खाने से बचने लगते हैं. बच्चे का अगर आप मुँह खोल कर देखेंगे तो टॉन्सिल्स पर आपको सफ़ेद या पीली परत भी दिखायी दे सकती है, बच्चों को बुख़ार भी आ सकता है,आवाज़ भारी हो सकती है, मुँह से बदबू भी आ सकती है, गर्दन में जकड़न भी आ सकती है और दर्द भी हो सकता है, सर दर्द और पेट दर्द भी हो सकता है. छोटे बच्चे जो अपनी शिकायत नहीं बता सकते हैं उन में कुछ लक्षणों से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की tonsillitis हो गया है. ऐसे बच्चों को चूँकि निगलने में तकलीफ़ होती है और दर्द भी होता है इसलिए बच्चों में हमेशा लार टपकती रहती है, बच्चे कुछ भी खाना पसंद नहीं करते हैं, बच्चे fussy हो जाते है और उनका किसी भी खेल में मन नहीं लगता है. इसके अलावा अगर बच्चे को बुख़ार है और बच्चा काफ़ी सुस्त और कमजोर है तो आपको डॉक्टर से check up ज़रूर कराना चाहिए. पर अगर बच्चे को साँस लेने में तकलीफ़ हो रही है, बहुत ज्यादा लार टपक रही है और कुछ भी निगला नहीं जा रहा है तो आपको बिना देरी किए नज़दीकी हॉस्पिटल जाना चाहिए. दोस्तों, ध्यान देने वाली बात ये है की tonsillitis में खांसी, जुकाम अक्सर नहीं होते हैं. दोस्तों! अगर टॉन्सिल की इस सूजन का सही समय पर इलाज ना किया जाये तो patient को गंभीर परेशानियाँ हो सकती है? उन में सबसे पहले आता है obstructive sleep apnoea या osa या नींद में साँस का बीच बीच में रुकना,
अगर tonsil का इन्फेक्शन टॉन्सिल के आसपास के टिश्यू में फेल जाता है तो tonsillar cellulitis हो सकता है. अगर टॉन्सिल के इन्फेक्शन से टॉन्सिल के पीछे pus इकट्ठा हो जाती है तो peritonsillar abscess या quinsy भी हो सकता है. अगर बैक्टीरिया की वजह से इन्फेक्शन हुआ है और इसके लिए समय पर डॉक्टर द्वारा बताये गये इलाज और antibiotics नहीं लिये गये है या antibiotics का कोर्स बीच में छोड़ दिया गया है तो बच्चे को दू सरी गंभीर बीमारियों हो सकती है जैसे की rheumatic fever जहां बच्चे के heart, joints, nervous system, kidney और और स्किन में बीमारियों हो सकती है जो जब बच्चा बड़ा होता है तब उसे बहुत परेशान करती है और जानलेवा भी हो सकती है. इसके साथ ही बच्चे को अगर निगलने में परेशानी होगी तो वह proper खाना नहीं खाएगा जिसके कारण उससे पूरा nutrition नहीं मिलेगा और बच्चे की growth नहीं होगी,बच्चा school से बहुत absent रहेगा जिसके कारण उसकी पढ़ाई पर भी असर पड़ेगा. दोस्तों! अच्छी बात ये है की आज advanced antibiotics होने की वजह से tonsillitis का इलाज antibiotics और aur pain killer दवाओं से ही हो sakta है और बहुत कम cases में operation की ज़रूरत पड़ती है,
जिन बच्चों में infection बार बार हो रहा है, tonsil का साइज बहुत बढ़ गया हो, साँस लेने में दिक़्क़त होने लगी हो, खाना निगलने में दिक़्क़त होने लगी हो इन्ही कुछ कारणों की वजह से ऑपरेशन करना पड़ता है, दोस्तों! जब भी आप ent specialist के पास जाते हैं बच्चे को लेकर इन लक्षणों के साथ तो वहाँ मुँह खोलकर ही पता चल जाता है की बच्चे को tonsillitis की परेशानी है. ध्यान रहे कि आपको doctors द्वारा बतायी गई antibiotics और अन्य दवाएँ टाइम से बच्चे को देनी है. ये भी ध्यान रहे कि अक्सर बुख़ार आने पर हम aspirin या disprin की गोली दे देते है परंतु tonsillitis के केस में इन दवाओं को बिलकुल नहीं लेना है. उसके अलावा भी आपको कुछ और महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना है जैसे की बच्चे को पर्याप्त मात्रा में fluids, तरल पदार्थ और गरम पानी दे, बच्चे को आराम कराये, school ना भेजे ताकि school के दूसरे बच्चे infection से बच सके, बड़ों में अगर ये समय हुई है तो वे गरम पानी और नमक के गरारे कई बार दिन में करे. हालाँकि अगर tonsil के infection की वजह viral है तो ये ख़ुद ठीक हो जाता है, इसके लिए आपको पानी खूब पीना है, pain killers लेनी है परंतु आपको doctor से परामर्श के बाद ही ये दवाये लेनी है. अब अगर इसके लिये की जाने वाले ऑपरेशन की बात करे तो इसके ऑपरेशन में मुँह के रास्ते से दोनों tonsils को निकाल दिया जाता है और बाहर से कोई भी incision या चीरा लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. इस ऑपरेशन को tonsillectomy कहते हैं. ये पूरी बेहोशी में किया जाता है , ये बहुत successful operation है , इस ऑपरेशन के बाद पेशेंट को अगले दिन ही हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाती है और वह दो दिन बाद ही अपनी नार्मल लाइफ resume कर सकते हैं.
दोस्तों, में यहाँ आपको tips भी बताना चाहूँगी जिसकी मदद से आप अपने बच्चे को इस इन्फेक्शन से बचा सकते हैं. जैसा कि हमने कारणों में बात की ये इन्फेक्शन वायरस और बैक्टीरिया से होता है और एक दूसरे के संपर्क में आने से होता है इसलिए इससे बचाव का एक ही तरीक़ा है good hygiene. आप अपने बच्चे को सिखाये की वह toilet जाने के बाद और खाने से पहले साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोये. अपने बर्तन, बॉटल, खाने और पीने की चीज़ें दूसरों के साथ शेयर ना करे, अगर बच्चे को tonsillitis हुआ है तो उसका toothbrush बदल दे. इन सब बातों के साथ आपको ये भी ध्यान रखना है की आपके बच्चे से ये इन्फेक्शन दूसरों को ना हो इसके लिये जब आपके बच्चे को tonsillitis हो तो बच्चे को स्कूल ना भेजे और अपने डॉक्टर से जाने की कब बच्चे को स्कूल भेजना सही रहेगा, अपने बच्चे को सिखाये की खाँसते और छींकते समय tissue paper का इस्तेमाल करे या अपनी कोहनी में छींके. और ये tissue paper डस्टबीन में फ़ेक दे और खाँसने और छीकने के बाद भी अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोये.
आप कुछ घरेलू तरीक़ों से टॉन्सिल के दर्द से बच्चे को राहत दिला सकते है जैसे बच्चे को समय समय पर गरम तरल पेय पिलाए. ज़्यादा दर्द होने पर lozenges भी दे सकते है , room में humidifiers use कर सकते है जो कि आसपास कि हवा में नमी बनाए रखते है जिससे गले की ख़राश में काफ़ी आराम आता है. तो देखा दोस्तों, टॉन्सिल का इन्फेक्शन नार्मल सर्दी जुकाम जैसा नहीं है और इसके इलाज में कोई भी कोताही नहीं बरतनी चाहिये. इसका इलाज समय पर और डॉक्टर द्वारा बताये गये समय तक पूरा लेना चाहिए. दोस्तों! उम्मीद है कि tonsilitis पर मेरे द्वारा दी गई ये जानकारी आपके लिये लाभप्रद होगी, इसके अलावा अगर आप जानना चाहते हैं कि कान बहने के क्या क्या कारण होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है तो right पर आ रहे link पर click करे और भारत के best doctors से contact करने के लिए ऊपर दिए गये phone number पर कॉल करे और मेडिकल से रिलेटेड authentic, reliable और useful information के लिए हमारा चैनल thydoc health subscribe करे और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर करें.
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