दोस्तों, क्या आप वजन कम करना चाहते हैं? और you tube पे सभी fitness एक्सपर्ट कह रहे है की चावल मत खाओ रोटी खाओ और आप ये समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करे? रोटी खायें या चावल. इसलिए अक्सर आप confused रहते है कि आपके लिये क्या ज़्यादा फ़ायदेमंद है, रोटी या चावल? तो आज में आपका ये confusion इस वीडियो में दूर करूँगा, जहां में रोटी और चावल की तुलना करूँगा. नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर ऋषभ शर्मा, thydoc हेल्थ पे आपका स्वागत करता हूँ. thydoc health आपको scientifically backed सही और ज़रूरी मेडिकल एजुकेशन आसान शब्दों में देने के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी ऐसी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें. रोटी और चावल की ये debate आज की नहीं बल्कि सदियों पुरानी है. चावल विश्व में सबसे ज़्यादा खाने वाला अनाज है.
भारत में रोटी सबसे ज़्यादा उत्तरी भारत में खायी जाती है वही बाक़ी भागों में चावल ही staple है. दोस्तों, एक weight लॉस डाइट के सफल होने के लिए ज़रूरी है कि डाइट में कार्बोहाइड्रेट कम हो और प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा हो. पर भारत जैसे देश में जहां हर meal में रोटी या चावल के तौर पर कार्बोहाईड्रेट्स भरा है, weight loss diet manage करना बड़ा पेचीदा हो जाता है. क्योंकि इन्हें बिलकुल ना खाना संभव नहीं है. ज़्यादा से ज़्यादा हम ये कर सकते हैं की इन्हें थोड़ा कम कर दे. पर ज़्यादातर लोग इस असमंजस में फँस जाते हैं की क्या खाये…रोटी? या चावल? तो आइए सबसे पहले हम इनके nutrition contents की तुलना करते हैं. एक छह इंच की रोटी में अंदाज़न 71 calories, 0.4 gm fat, 134 mg sodium, 15 gm carbohydrates, 0.8 gm fibre, और 3 gm protein होता है. वहीं 60 gm उबलें हुए सफ़ेद चावल में अन्दाज़न 80 calories, 0.1 gm fat, 0.7 mg sodium, 18 gm carbohydrates, 0.2 gm fibre, और 1 gm protein होता है. इस nutrition चार्ट से हमे ये पता चलता है की रोटी की तुलना में, चावल में प्रोटीन कम होता है, फाइबर कम होता है और कार्बोहाइड्रेट ज़्यादा होता है. यही कारण है की जो स्वास्थ्य को लेकर सजग लोग हैं वह चावल के बजाय रोटी ख़ाना पसंद करते हैं. सफ़ेद चावल रिफाइंड होते है, polished होते हैं जिस प्रक्रिया में चावल के बाहर कि परत निकाल दी जाती है,
इसलिए फाइबर और micronutrients की मात्रा कम हो जाती है. वही brown rice nutrition के मामले में सफ़ेद चावल से superior होते हैं क्योंकि ये refined नहीं होते हैं पर प्रोटीन की मात्रा रोटी से कम ही होती है. रोटी बनाते समय तेल या घी इस्तेमाल होता है इसलिए रोटी में फैट ज़्यादा होता है और प्रोटीन तो ज़्यादा होता ही है. ज़्यादा प्रोटीन और फैट का मतलब है ज़्यादा calories. रोटी में वाइट और ब्राउन rice की तुलना में ज़्यादा calories होती हैं. तो अगर आप सिर्फ़ calories कम करना चाहते हैं तो इन तीनों में सबसे कम calories सफ़ेद चावल में है और उसके बाद brown rice में होती है, तो आप ये option select कर सकते हैं. दूसरी तरफ़ ज़्यादा प्रोटीन और फैट की वजह से रोटी एक complex food मानी जाती है, इसका मतलब ये है की इसे पचाने में ज़्यादा समय लगता है और शरीर में sugar लेवल धीरे धीरे बढ़ता है. इसलिए रोटी का glycemic इंडेक्स कम होता है और इसे डायबिटीज के मरीज़ों के लिए अच्छा माना गया है. क्योंकि जितना कम glycemic index उतना अच्छा sugar control. तो वे लोग जिन्हें diabetes की बीमारी है या जिनके परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री है, वे रोटी को प्राथमिकता दे. अगला रोटी का plus पॉइंट ये है कि रोटी filling होती है यानी रोटी से जल्दी पेट भर जाता है जबकि चावल से इतनी जल्दी satiety नहीं आती है. दोस्तों, dietary recommendations के अनुसार, हमारी डाइट का आधा हिस्सा whole grains होना चाहिए.
रोटी, गेहूं के आटे से बनती है जो की एक whole grain है इसलिए अगर आप रोटी खाते हैं तो वह आपके whole grain intake में count होगा. brown rice को भी whole grain माना जाता है पर चूँकि white rice refined होता है, polished होता है, ये whole grain नहीं माना जाता है. अब आप सोचेंगे की हमारे यहाँ तो चावल ही खाया जाता है और हमारे घर में चावल ही बनता है तो हम क्या करे. माना कि चावल में फाइबर और प्रोटीन कम है पर एक मील में अगर सब्ज़ियाँ मिला के पुलाव बनाया जाये और उसे दाल के साथ खाया जाये तो इस कमी को पूरा किया जा सकता है. इसलिए ज़रूरी नहीं है कि अगर आपके area में चावल स्टेपल है तो भी आप न्यूट्रीशन के लिए रोटी खाये. एक balanced meal बना कर आप ये कमियाँ पूरी कर सकते हैं. वहीं दोस्तों, हमे ये भी सोचना होगा कि जो लोग gluten tolerate नहीं कर पाते है वे लोग गेहूं के आटे की रोटी नहीं खा सकते हैं और चावल ही tolerate कर पाते है और चूँकि gluten free आटा इत्यादि सब लोग afford नहीं सकते हैं, इसलिए ऐसे लोग चावल ख़ाना ज़्यादा पसंद करते है. अगर ये लोग रोटी खाना चाहे तो बाजरे की रोटी कभी कभी खा सकते हैं. इसलिए डाइट में आप क्या खाते है यह आपके एरिया के हिसाब से होना चाहिए और आपकी हेल्थ और टॉलरेंस के हिसाब से भी. यह कहना कि रोटी ही सबके लिए बेस्ट है, ग़लत होगा. डाइट वही बेस्ट है जो affordable हो, regional हो और seasonal हो.
तो दोस्तों आज आपने रोटी और चावल के बारे में जाना , दोस्तों कॉफ़ी भारत में पिया जाने वाला एक कॉमन पेय पदार्थ हैं और अगर आप जानना चाहते हैं कि दिन में आपको कितनी कॉफ़ी के कप पीना चाहिए और क्या कॉफ़ी के फ़ायदे हैं और क्या नुक़सान हैं तो आप रायट में दिये वीडियो पर क्लिक करें. और अगर आज का ये वीडियो आपको पसंद आया तो like ज़रूर करे और ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे. आगे भी ऐसी जानकारी से अपडेटेड रहने के लिये हमारे चैनल thydoc हेल्थ को ज़रूर सब्सक्राइब करे. बाकी भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए आप ऊपर दिए गए नंबर पर क्लिक करें|धन्यवाद