Hernia kya hai | Hernia ke prakar | Hernia ke lakshan kya hote hain | Hernia ka karan
Hernia kya hai | Hernia ke prakar | Hernia ke lakshan kya hote hain | Hernia ka karan
दोस्तों, हर्निया के बारे में हम सभी ने सुना हैं पर क्या आप ये जानते हैं कि हर्निया कैसे होता है? इसके होने के कारण क्या है? और क्या आप ये जानते हैं सभी हर्निया शरीर के ऊपर स्वेलिंग नहीं बनाते हैं? और क्या आप ये जानते हैं की पेट के अलावा शरीर में और दूसरी जगह भी हर्निया हो सकते हैं? नहीं ना?? तो आज के इस वीडियो में, मैं आपको ये सारी जानकारी विस्तार से दूंगा. दोस्तों! इस video में हम कुछ मेडिकल के टेक्निकल नामों का इस्तेमाल करेंगे परंतु उनको समझाने के लिए हम चित्र भी साथ में दिखाएँगे ताकि आपको हमारी बात अच्छे से समझ में आ सके. नमस्कार दोस्तों, में डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, हमारे channel thydoc health पर आपका स्वागत करता हूँ. हम आपको आप के स्वास्थ्य से related जानकारी आसान भाषा में देने की कोशिश करते हैं और आगे भी ऐसी ही ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने
दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें. दोस्तों, हर्निया आपके पेट या groin यानी आपके पेट और जांघ के बीच की जगह में तब होता है जब कोई अंग किसी मांसपेशी या टिश्यू पे एक दबाव बनाने लगता है और वह अंग अपनी normal जगह से बाहर निकलने लगता है. ये ऐसा लगता है जैसे एक अजीब सी सूजन या उभार हो गया है. और ये किसी activity करने से या किसी particular position में बढ़ता है और वैसे ही किसी activity या position से वापस अंदर भी चला जाता है. ऐसे अंदर चले जाने वाले hernia को medical भाषा में reducible हर्निया कहते हैं. कई लोग ख़ुद से भी इसे दबा कर और थोड़ा manipulate कर के इसे अंदर कर सकते हैं यानी reduce कर सकते हैं. हर्निया से कभी कभी दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते है और पर हर्निया में हमेशा लक्षण हो ऐसा ज़रूरी नहीं है. दोस्तों, सबसे पहले हम बात करते हैं की आखिर हर्निया होता क्या है? जब शरीर के किसी नेचुरल opening या कमजोर मांसपेशियों या टिश्यू से अंदर के अंग एक दबाव बनाने लगते है और शरीर में अपनी निश्चित जगह से दूसरी जगह निकलने लगते हैं और आपको शरीर पर एक असामान्य सी सूजन या उभार दिखाई देने लगता है जिसे हर्निया कहते हैं.
ज्यादातर हर्निया आपके पेट में देखे जाते हैं जहां पेट के अंग पेट की कमजोर दीवार से निकलने लगते हैं और एक एब्नार्मल swelling बनाते हैं. जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे वैसे हमारी मासपेशियां रोज के wear और tear से यानी उम्र के साथ होने वाली क्षति से कमजोर होने लगती हैं. इसके अलावा इस कमजोरी के कई और कारण भी हो सकते हैं जैसे की ये कमजोरी महिलाओं में गर्भावस्था की वजह से हो सकती है या फिर ये कमजोरी किसी बिमारी की वजह से या किसी जन्मजात defect की वजह से या फिर किसी चोट या ऑपरेशन की वजह से भी हो सकती है. ये हर्निया शरीर में कईं जगह हो सकते हैं. आपके पेट की निचली दीवार से आपके groin में अंग आ सकते हैं और हर्निया कर सकते हैं. आपके पेट के बीच की दीवार से हर्निया हो सकता है. पुराने पेट के ऑपरेशन के चीरे वाली जगह से हर्निया हो सकता है. आपकी छाती के निचले भाग में आपकी diaphragm से अंग ऊपर की तरफ़ यानी छाती में आ सकते हैं. इसी तरह हर्निया कई प्रकार का हो सकता है. आइये इन तरह तरह के हर्निया के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं. 75 % हर्निया, inguinal हर्निया होता हैं. ये अक्सर पुरुषों में होता है. जब आंत या आंत का कुछ भाग inguinal canal से होता हुआ inner thigh तक पहुँच जाता है तब इसे inguinal hernia कहते हैं. इसी तरह groin में होने वाला दूसरा हर्निया है femoral hernia. ये inguinal हर्निया की तुलना में कम देखा जाता है. इसमें फैट या फैटी टिश्यू femoral canal के रास्ते groin में हर्निया बनाते हैं. femoral hernia महिलाओं में ज़्यादा common है. अगला हर्निया है hiatal हर्निया. ये हर्निया तब होता है जब diaphragm की वह opening जिससे भोजन नली या food pipe गुजरती है, बढ़ने लगती है और stomach या पेट का हिस्सा इस ओपनिंग से छाती में चला जाता है. diaphragm हमारे शरीर की एक ऐसी माँसपेशी है जो हमारी छाती और abdomen यानी पेट के अंगों को अलग रखती है और साथ ही साथ हमे साँस लेने में भी मदद करती है. अगला हर्निया है congenital diaphragmatic hernia. यह हर्निया एक जन्मजात डिफेक्ट की वजह से होता है और diaphragm की मांसपेशी पूरी तरह से नहीं बन पाती है और diaphragm में डिफेक्ट रह जाता है.
इस डिफेक्ट से पेट के कुछ अंग छाती में slip होने लगते हैं. और छाती में इन अंगों की वजह से फेफड़ों का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता है. अगला हर्निया होता है आपकी किसी पुरानी सर्जरी की वजह से. जहां पेट पे लगे पुराने सर्जरी के चीरे से वहाँ की दीवार कमजोर होने लगती है और वहाँ से हर्निया हो सकता है. ये पेट की किसी भी सर्जरी के बाद हो सकता है. अगला हर्निया होता है नाभि के पास जिसे umbilical हर्निया कहते है और यह हर्निया ज्यादातर जन्म से ही होता है. इसमें नाभि के पास abdominal wall में एक डिफेक्ट होता है जिससे आंत निकलने लगती है और नाभि के पास एक स्वेलिंग बना देती है. अगला हर्निया है ventral hernia जो पेट की सामने वाली दिवार से होता है. इसमें umbilical और incisional हर्निया भी आते हैं. और अगर ये हर्निया नाभि के लेवल के ऊपर हुआ है तो इसे epigastric हर्निया कहते हैं. इसके अलावा एक rare type का हर्निया होता है perineal hernia जहां pelvis के अंग ऊपर की तरफ पेट में आने लगते है और hernia करते हैं. तो देखा दोस्तों, हर्निया कितनी तरह के होते हैं और शरीर में कितनी जगह हो सकते हैं. पर इनमे सबसे कॉमन है inguinal हर्निया जो 25 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता है.
अब आप सोच रहे होंगे की क्या हर्निया एक गंभीर बिमारी है. ज्यादातर हर्निया गंभीर नहीं होते हैं. पर समय के साथ और इलाज के अभाव में इनकी गंभीरता बढ़ सकती है. हर्निया तब गंभीर हो जाता है जब हर्निया जिस रास्ते से आया है उसी में फँस जाता है और वापस अपनी निश्चित जगह नहीं जा पाता है यानी reduce नहीं हो पाता है और ऐसे हर्निया में बहुत तेज दर्द होने लगता है और जो अंग फँस गया है उसकी ब्लड supply कट जाती है और यह अंग सड़ने लगता है या मेडिकल भाषा में कहे तो उस अंग में necrosis होने लगता है. दोस्तों, सभी हर्निया से लक्षण हो ऐसा ज़रूरी नहीं है पर हर्निया का सबसे कॉमन लक्षण है एक एब्नार्मल स्वेलिंग, जो किसी गतिविधि या activity के दौरान बन सकती है या फिर खांसने से बनती है या फिर हंसने से या फिर एक्सरसाइज करने से या वजन उठाने से या कब्ज की वजह से जोर लगाने से बनती है यानी कोई भी ऐसी activity जिससे पेट पर जोर पड़ता है. और उस गतिविधि के पूरा हो जाने पर ये स्वेलिंग वापस अंदर भी अपनेआप चली जाती है. जब ये स्वेलिंग बनती है यानी जब हर्निया होता है तब आपको हल्का दर्द या discomfort भी हो सकता है. पर सभी हर्निया शरीर पर दिखाई नहीं देते हैं.
जो हर्निया शरीर के अंदर हो रहे हैं उनका उभार आपको बाहर नजर नहीं आएगा. hiatal हर्निया के मरीज़ों को सीने में जलन, acid reflux और अपच जैसे लक्षण हो सकते हैं. पुरुषों में inguinal हर्निया से scrotum में भी सूजन आ सकती है. सबसे पहली बार आपको हर्निया की स्वेलिंग तब दिखती है जब आप squatting position में हैं या आप झुके हुए हैं या आप जोर लगा रहे हैं. छोटे बच्चों में हर्निया तब दिखता है जब बच्चे रो रहे है या लैट्रिन जा रहे होते हैं. अगर हर बार एक ही एक्टिविटी के दौरान आपको स्वेलिंग नजर आ रही है तो वह हर्निया हो सकता है. अब बात करते हैं कि हर्निया होने का कारण क्या है. जब किसी कमजोर मांसपेशी या tissue अपने अंदर के अंग को बाहर निकलने से रोक नहीं पाता है तब हर्निया होता है. पर क्या किसी को भी हर्निया हो सकता है? कुछ लोगों में हर्निया होने का रिस्क ज्यादा होता है. ये वे लोग हैं जिनका काम ही है वजन उठाना, या घंटों खड़े रहना. जिन लोगो को लंबी खांसी है या एलर्जी है जिसकी वजह से उन्हें छींके बहुत आती हैं. जिन लोगों को लम्बे समय से कब्ज है और ये लोग लैट्रिन जाते समय जोर लगाते हैं. वे पुरुष जिन्हे प्रोस्टेट की समस्या है और ये लोग पेशाब जाते समय जोर लगाते हैं. जिन लोगों की पेट या pelvis की कोई सर्जरी पहले हुयी है. गर्भावस्था और खासकर बार बार गर्भवती होने वाली महिलाओं में भी हर्निया का रिस्क ज्यादा होता है. जिन लोगों का वज़न ज्यादा है यानी body mass index तीस से ज्यादा है उनमे भी यह रिस्क ज्यादा होता है. हर्निया तब गंभीर हो जाता है जब हर्निया फँस जाता है और वापस अपनी जगह लौट नहीं पाता है.
अगर आपको लम्बे समय से हर्निया है पर अचानक आपके हर्निया के ऊपर की त्वचा का रंग बदल गया है, वहाँ सूनापन लग रहा है या आपको अचानक बुखार, जी घबराना और उलटी होने लगी है तो आपको तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में चेक अप करवाना चाहिए. ये हर्निया के गंभीर लक्षण हो सकते हैं.