Kidney Problems Archives - Thydoc Health https://thydoc.com/category/kidney-problems/ Thydoc Health Tue, 19 Mar 2024 10:22:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://thydoc.com/wp-content/uploads/2024/01/cropped-Thydoc-Favicon-32x32.png Kidney Problems Archives - Thydoc Health https://thydoc.com/category/kidney-problems/ 32 32 पेशाब में जलन क्यों होती है? | Peshab mein jalan ka ilaj | Urine Infection Symptoms (UTI) https://thydoc.com/urine-infection-symptoms-uti/ https://thydoc.com/urine-infection-symptoms-uti/#respond Fri, 15 Mar 2024 12:17:17 +0000 https://thydoc.com/?p=1683 The post पेशाब में जलन क्यों होती है? | Peshab mein jalan ka ilaj | Urine Infection Symptoms (UTI) appeared first on Thydoc Health.

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Peritoneal Dialysis in Hindi | GHAR PAR DIALYSIS Kaise Karen | Pet se Dialysis Kaise Hota Hai | https://thydoc.com/peritoneal-dialysis-in-hindi/ https://thydoc.com/peritoneal-dialysis-in-hindi/#respond Wed, 13 Mar 2024 07:37:41 +0000 https://thydoc.com/?p=1186 The post Peritoneal Dialysis in Hindi | GHAR PAR DIALYSIS Kaise Karen | Pet se Dialysis Kaise Hota Hai | appeared first on Thydoc Health.

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Peritoneal Dialysis in Hindi | GHAR PAR DIALYSIS Kaise Karen | Pet se Dialysis Kaise Hota Hai |

Peritoneal Dialysis in Hindi | GHAR PAR DIALYSIS Kaise Karen | Pet se Dialysis Kaise Hota Hai |

दोस्तों, क्या आप अपने या अपने family मेम्बर के dialysis के लिए ऑफिस से कई बार छुट्टी लेते हैं और अब आपकी paid leaves भी ख़त्म हो गई हैं और dialysis के additional खर्च से आप परेशान हो गये हैं? क्या आप अपने स्कूल या कॉलेज से dialysis appointment की वजह से बार बार छुट्टी ले रहे है और एग्जाम के लिये आपकी minimum attendance भी पूरी नहीं हो पा रही है? क्या आप जानते हैं कि office में काम करते करते या स्कूल या कॉलेज में क्लास attend करते करते या अपने friends और family के साथ कोई movie देखते देखते या पिकनिक पे भी आपका dialysis हो सकता है? सिर्फ़ ये ही नहीं क्या आप ये जानते हैं कि रात को जब आप सो रहे हैं तब भी आपका dialysis हो सकता है? क्या आप जानते हैं कि डायलिसिस बिना av fistula या HD catheter के भी हो सकता है? हुआ ना आश्चर्य? जी हाँ दोस्तों! ये सभी बिलकुल possible है. इसकी पूरी जानकारी के लिए आज का ये वीडियो अंत तक ज़रूर देखें. namaskar दोस्तों, मैं doctor Divaanshu Gupta हमारे चैनल thydoc हेल्थ में आपका स्वागत करता हूँ, दोस्तों! पिछले वीडियो में हमने देखा की कैसे kidneys के कमजोर पड़ जाने पर haemodialysis से खून से waste प्रोडक्ट्स बाहर कर दिए जाते हैं. पर क्या आप जानते हैं की dialysis एक और तरह से भी हो सकता है जहां आपको hd catheter या av fistula की ज़रुरत भी नहीं पड़ती है. जी हाँ दोस्तों, ये dialysis है peritoneal dialysis जिसे आसान भाषा में पेट से किया जाने वाला dialysis कहा जाता है, आज के इस वीडियो में हम जानेंगे की ये peritoneal dialysis क्या होता है? Peritoneal dialysis के क्या फायदे हैं. Peritoneal dialysis कैसे होता है? और हम ये भी जानेंगे कि किस condition में peritoneal dialysis किया जाता है? हम ये भी जानेंगे की peritoneal dialysis कहाँ कहाँ हो सकता है? नमस्कार दोस्तों, मैं डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, हमारे channel thydoc health पर आपका स्वागत करता हूँ. दोस्तों, dialysis एक ऐसी कृत्रिम प्रक्रिया है जहां खून से waste products जैसे की urea और creatinine बाहर किये जाते है और ये तब किया जाता है जब आपकी kidneys ये कर पाने में सक्षम नहीं होती हैं. दोस्तों! dialysis दो तरह से होता है. पहला है hemodialysis जहां एक venous कैथिटर से आपके शरीर से खून को dialysis मशीन में डाला जाता है और वहाँ से उसे साफ़ कर के दूसरे catheter से आपके शरीर में साफ़ खून लौटा दिया जाता है. यहां dialysis मशीन में फ़िल्टर या artificial kidney की सहायता से खून से waste साफ़ किया जाता है जबकि peritoneal dialysis में हमारे पेट यानी abdomen की अंदरूनी परत ही एक नेचुरल फ़िल्टर की तरह काम करती है. दोस्तों! haemodialysis की तरह पेरीटोनियल dialysis में भी waste products को निकालने के लिए dialysate यानी cleansing fluid का इस्तेमाल होता है जिसके द्वारा waste खून से बाहर किया जाता है. peritoneal dialysis के लिए एक छोटे से चीरे से एक सॉफ्ट प्लास्टिक tube या कैथिटर आपके पेट में फिक्स कर दिया जाता है. एक साफ़ cleansing fluid इस कैथिटर के द्वारा आपके पेट में डाला जाता है और जब dialysis की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो इसी कैथिटर से ये fluid अपने साथ waste ले कर बाहर निकाल दिया जाता है. peritoneal dialysis भी दो तरह का होता है. पहला है continuous ambulatory peritoneal dialysis या jisse short me capd bhi kahte hai और दूसरा है automated peritoneal dialysis या apd . दोनों ही तरह के dialysis में basic प्रक्रिया same रहती है. capd में नाम से ही पता चलता है की ये dialysis continuous यानी लगातार होता है और इसमें किसी मशीन की जरूरत नहीं पड़ती है. और ये बिना आपके रूटीन में बाधा डाले चलता रहता है यानी आप ऑफिस जा सकते है, स्कूल कॉलेज जा सकते है और अपना कोई भी काम इस दौरान कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में cleansing fluid आपके पेट में डाला जाता है जिसे बाद में निकाला जाता है. ये dialysis चौबीस घंटों में चार से पांच बार किया जा सकता है. हर बार इसको पूरा होने में तीस से चालीस मिनट लगते हैं. इसे आप दिन में किसी भी समय कर सकते हैं. जबकि apd में एक मशीन के इस्तेमाल से आपके पेट में cleansing fluid डाला जाता है मशीन की मदद से ही waste वाला fluid बाहर निकाला जाता है. ये प्रक्रिया सामन्यतया रात को सोते समय की जाती है. तो देखा दोस्तों! ये dialysis थोड़े प्रशिक्षण के बाद आप घर पे भी या कहीं भी कर सकते हैं. पर दोस्तों! किस तरह का peritoneal dialysis आपके लिए सही रहेगा ये decision आपकी बीमारी और आपकी general condition को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है. कुछ डॉक्टर्स का मानना है की peritoneal dialysis hemodialysis से बेहतर है क्यूंकि capd में लगातार आपके शरीर से एक्स्ट्रा पानी निकाला जाता है और ऐसे में आपके ह्रदय और फेफड़ों पर एक्स्ट्रा पानी से पड़ने वाला जोर भी कम हो जाता है. आप खाना भी भूख के अनुसार खा पाते है और आपको कम दवाओं की ज़रुरत पड़ती है. और सबसे अच्छी बात ये है की इस तरह के dialysis से आपकी सामान्य jeevan ki गतिविधियां नहीं रूकती हैं. peritoneal dialysis उन लोगों को recommend किया जाता है जिन लोगों को stage 5 kidney failure है और उन में venous access नहीं मिल पा रहा है. जो लोग hemodialysis tolerate नहीं कर पा रहे हैं. जिन लोगों को heart failure है. जिन लोगों को heart के valve की बीमारी है. पाँच साल तक के बच्चों में भी peritoneal dialysis prefer किया जाता है. और कई बार मरीज की preference को ध्यान में रखते हुए भी peritoneal dialysis की सलाह दी जाती है. पर दोस्तों! सभी kidney के मरीजों में peritoneal dialysis हो पाना संभव नहीं है. कुछ लोगों में peritoneal dialysis सही नहीं रहता है ये वह लोग हैं जो बहुत ज्यादा मोटे हैं, जिनकी पेट की कईं सर्जरी हुयी है ऐसे लोगों में peritoneal dialysis नहीं हो पाता है. किसी भी medical procedure की तरह peritoneal dialysis से भी कुछ complications हो सकते हैं. peritoneal dialysis में dialysate पेट में कई बार डालना पड़ता है और बार बार निकाला भी जाता है ऐसे में पेट का infection भी हो सकता है जिसे peritonitis कहते हैं जो एक जानलेवा कंडीशन हो सकती है, peritoneal dialysis से मरीज़ों में weight gain भी देखा गया है kyuki jo fluid pet ke andar dala jata hai usme kafi matra me dextrose hota hai jiske karan kafi jyada calories patient ke body me ikatthi ho jati hai, इसके अलावा पेट में बार बार dialysate डालने और निकालने से पेट पर एक तरह का दबाव बना रहता है जिसकी वजह से मरीज़ को हर्निया भी हो सकता है और अगर पहले से छोटा हर्निया था तो वह बड़ा भी हो सकता है. इसलिए किस तरह का dialysis किन मरीज़ों में बेस्ट रहेगा इसका निर्णय आपके डॉक्टर आपकी general हेल्थ और आपकी बीमारी को ध्यान में रख कर ही लेते हैं.
ummed hai jankari labhprad hogi,
iske alawa, agar aap janna chahate hai ki dialysis ka doosra prakar yani hemodialysis kaise kiya jata hai, uske kya fayde aur nuksan hai to aap right par diye gaye link par click kare

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किडनी में पथरी के कारण | KIDNEY STONE Ke Karan | Causes of kidney Stones | गुर्दे की पथरी कारण https://thydoc.com/causes-of-kidney-stones/ https://thydoc.com/causes-of-kidney-stones/#respond Wed, 13 Mar 2024 07:21:12 +0000 https://thydoc.com/?p=1175 The post किडनी में पथरी के कारण | KIDNEY STONE Ke Karan | Causes of kidney Stones | गुर्दे की पथरी कारण appeared first on Thydoc Health.

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किडनी में पथरी के कारण | KIDNEY STONE Ke Karan | Causes of kidney Stones | गुर्दे की पथरी कारण

किडनी में पथरी के कारण | KIDNEY STONE Ke Karan | Causes of kidney Stones | गुर्दे की पथरी कारण

दोस्तों, हमारी तेज भागती दौड़ती ज़िंदगी में हमारी जीवन शैली के बदलावों की वजह से कुछ बीमारियाँ काफ़ी आम हो गई है और उन में से एक है kidney stone या गुर्दे की पथरी. आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे की kidney stone या जिसे मेडिकल भाषा में renal calculus भी कहते हैं, उसके क्या लक्षण होते हैं, किडनी स्टोन होने के क्या कारण होते हैं. दोस्तों, मैं doctor Divaanshu Gupta हमारे चैनल thydoc हेल्थ में आपका स्वागत करता हूँ. दोस्तों, kidney स्टोन एक ऐसा पत्थर जैसा कठोर मटेरियल होता है जो हमारी पेशाब में पाये जाने वाले chemicals से बनता है. पेशाब में बहुत सारे पदार्थ घुले होते हैं पर जब ये कैमिकल्स बहुत ही कम तरल में घुले होते हैं तो आपस में जमा हो कर crystal बनाने लगते हैं. या तो ये क्रिस्टल्स पेशाब के साथ निकल जाते हैं और अगर ये नहीं निकल पाते हैं तो ये क्रिस्टल्स दूसरे कैमिकल्स को और जमा करते जाते है और बड़े कठोर पथरनुमा structure बना लेते हैं. ये पत्थर बनाने वाले कैमिकल्स होते हैं jaise ki, कैल्शियम, oxalate, urate, cystine, xanthine और phosphate. ये पत्थर बनने के बाद या तो किडनी में ही रुक जाते हैं या फिर पेशाब के रास्ते ureter तक पहुँच जाते हैं यानी की मूत्र मार्ग में नीचे की और खिसकने लगते हैं. कई बार छोटे पत्थर बिना किसी परेशानी के पेशाब के साथ निकल भी जाते हैं. पर जो पत्थर निकल नहीं पाते हैं और बड़े हो जाते है, पेशाब के रास्ते में ही कहीं फँस जाते है, वह पेशाब को पूरी तरह निकलने नहीं देते है और यही कारण है कि मरीज़ को दर्द होता है. आइए अब बात करते हैं कि किडनी स्टोन के क्या क्या लक्षण हो सकते हैं? दोस्तों, किडनी स्टोन एक रेत के एक कण जितना बड़ा हो सकता है या फिर एक कंकड़ जितना बड़ा भी हो सकता है even एक kidney स्टोन किसी गोल्फ ball जितना बड़ा भी हो सकता है. दोस्तों, किडनी स्टोन से होने वाले लक्षण और उनकी गंभीरता कई factors पर निर्भर करती है जैसे की किडनी स्टोन का size कितना है, स्टोन एक किडनी में है या दोनों किडनी में और किडनी में बना स्टोन पेशाब के रास्ते में कहाँ आकर फँस गया है. किडनी स्टोन के लक्षणों में सबसे पहला और सबसे कॉमन लक्षण है दर्द. दोस्तों, kidney स्टोन का दर्द तब होने लगता है जब ये स्टोन irritate करने लगता है और पेशाब के रास्ते को ब्लॉक करने लगता है. kidney स्टोन बिना कोई नुक़सान पहुँचाए शरीर से निकल भी सकता है पर इसके निकलने के समय, मरीज़ को तेज दर्द भी हो सकता है. पर दर्द आपके शरीर में कहाँ होगा ये निर्भर करता है कि स्टोन कहाँ फँसा हुआ है. अगर स्टोन किडनी में ही है तो आपकी कमर में एक तरफ़ या दोनों तरफ़ आपको तेज़ दर्द हो सकता है. और ये दर्द यहीं तक सीमित रहता है. पर अगर ये स्टोन किडनी और ureter के junction यानी ureteropelvic junction पे जाके फँस गया है तो आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है. और अगर यही स्टोन अगर ureter के बीच के भाग से निकल नहीं पा रहा है तो मरीज़ को पेट के निचले हिस्से में आगे और पीछे दोनों तरफ़ दर्द होगा. अगर स्टोन ureter के निचले हिस्से में फँस गया है तो दर्द groin से शुरू होगा और पुरुषों में testes तक जायेगा और महिलाओं में vagina तक. अब अगर stone पेशाब की थैली के मुँह पर आकर फँस गया है तो पुरुषों में लिंग के ऊपर वाले हिस्से में और महिलाओं में उनके private पार्ट्स के ऊपर दर्द होता है. अब अगर यही स्टोन पेशाब की थैली के अंदर पहुँच जाता है तो मरीज़ को दर्द की शिकायत तो नहीं होती है पर जब मरीज़ पेशाब करने जाता है तो ये stone पेशाब का रास्ता ब्लॉक कर सकता है और वहीं मरीज़ के लेटने पर यही पेशाब का रास्ता खुल जाता है, कई मरीज़ों में kidney stone का दर्द इतना specific नहीं होता है और उन्हें पथरी का दर्द पेट में कहीं भी हो सकता है और ऐसे मरीज़ ठीक से बता नहीं पाते हैं कि कहाँ दर्द हो रहा है. इसके अलावा आपको किडनी stone की वजह से दूसरे लक्षण भी हो सकते है जैसे की आपको पेशाब के साथ खून भी आ सकता है. आपके पेशाब का रंग लाल, गुलाबी या भूरा हो सकता है. आपकी पेशाब का रंग धुंधला भी हो सकता है. आपको जी घबराना और उल्टी होना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. आपको बुख़ार आ सकता है जिसके साथ कपकंपी हो सकती है जिसे chills कहते हैं. पेशाब में बदबू भी आ सकती है. आइए दोस्तों, अब जाने की आख़िर kidney stones होते क्यों हैं. kidney stones ka सबसे पहला और सबसे मुख्य कारण है पानी कम पीना. पेशाब में fluid के साथ बहुत सारे minerals घुले होते हैं जैसे की calcium, ऑक्सेलेट, uric acid, phosphate, cystine, xanthine, और अगर पानी कम पीने की वजह से या किसी और वजह से पेशाब गाढ़ा हो रहा है तो ये minerals आपस में इकट्ठा होने लगते हैं और स्टोंस बनाते हैं. ऐसा पेशाब में पानी के कम होने की वजह से या इन मिनरलस के ज़्यादा होने की वजह से दोनों ही कारणों से संभव है. दूसरा कारण है एक्सरसाइज और इसमें दोनों बातें हैं या तो एक्सरसाइज बिल्कुल ना करना या एक्सरसाइज बहुत ज़्यादा करना.जब आप एक्सरसाइज करते हैं तब आपको पसीना आता है जिसके कारण आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है और यही पेशाब को गाढ़ा करता है और स्टोन का कारण बनता है इसलिए जब भी आप एक्सरसाइज करें एक अच्छे अमाउंट का पानी एक्सरसाइज शुरू करने से पहले जरूर पिए,इसके विपरीत अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो भी स्टोन होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है क्योंकि एक्सरसाइज से आप अपने वजन को नियंत्रण में रखते हैं और रिसर्च में देखा गया है की एक्सरसाइज से किडनी स्टोन को flush करने में आसानी होती है I दोनों ही कारणों से kidney स्टोन बन सकते हैं. इसके अलावा मोटापा या obesity भी kidney stone होने का कारण माना गया है. अगर आपकी weight loss के लिए कोई सर्जरी हुई है तो भी आपको kidney स्टोन हो सकते हैं. अगर आप खाने में ज़्यादा नमक लेते हैं या ज़्यादा मीठा खाना पसंद करते है तब भी आपको kidney स्टोन हो सकते हैं. अगर आपकी डाइट में oxalate rich फ़ूड ज़्यादा है यानी पालक, टमाटर, दालें तो भी किडनी स्टोन बन सकते हैं. अगर आपको बार बार पेशाब का इन्फेक्शन होता रहता है यानी uti या urinary tract इन्फेक्शन होता रहता है तो भी आपको kidney स्टोन होने के chances बढ़ जाते हैं. अगर आपके माता या पिता को भी kidney स्टोन हुआ था या है तो संभावना है कि आपको भी kidney स्टोन हो सकता है. अगर आपके खानपान में fructose ज़्यादा है तो भी आपको kidney stone होने का रिस्क ज़्यादा है. दोस्तों, ये तो हुए कारण. पर क्या आप जानते हैं कि किडनी स्टोन भी कई तरह के होते हैं. और ये इस बात पर निर्भर करता है किडनी स्टोन मुख्यतः किस पदार्थ से बना है. इनमें सबसे पहला किडनी स्टोन का प्रकार है calcium oxalate. calcium oxalate से बने किडनी स्टोन सबसे commonly पाए जाने वाले किडनी स्टोन हैं. और यह तब बनता है जब पेशाब में कैल्शियम, oxalate से मिलता है. और इस तरह के स्टोन होने का कारण कम पानी पीने के साथ साथ डाइट में कैल्शियम की कमी भी है. दूसरा प्रकार है uric acid स्टोन. इस प्रकार का किडनी स्टोन भी काफी कॉमन है. meats और shell fish में purine नामक केमिकल पदार्थ काफी मात्रा में पाया जाता है. डाइट में ज्यादा purine लेने से monosodium urate ज्यादा बनता है और अगर इस स्थिति में कोई व्यक्ति अगर पानी कम पीता है तो इस तरह के किडनी स्टोन बनने लगते हैं. और ख़ास बात यह है की अगर परिवार में किसी को uric acid स्टोन बने है तो आगे की पीढ़ी में भी इस प्रकार के किडनी स्टोन बन सकते हैं. अगला प्रकार है struvite किडनी stones. ये स्टोन इतना commonly देखने को नहीं मिलते हैं और अक्सर ये stones upper urinary tract infection मतलब पेशाब के रास्ते के infection से होते हैं. यानी किडनी के इन्फेक्शन में ऐसे स्टोन्स देखे जाते हैं. अगला प्रकार है cystine stones. ये किडनी stones भी दुर्लभ होते हैं और एक rare बिमारी में देखे जाते है जिसका नाम है cystinuria जहां एक नेचुरल पदार्थ cystine पेशाब के साथ leak होने लगता है. और जब पेशाब में बहुत ज्यादा cystine निकलने लगता है तब cystine stones बनने लगते हैं. और ये बीमारी आनुवंशिक होती है यानी अक्सर परिवार के सदस्यों में देखी जाती हैं. cystine stones बाकी किडनी stones की तुलना में साइज में बड़े होते हैं. चूंकि cystinuria की बिमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है इसलिए अगर आपके माता पिता में से किसीको ये बिमारी है और उन्हें इस तरह के किडनी stones हुए हैं तो आप ख़ास ध्यान रख के इस तरह के स्टोन्स से बचाव कर सकते हैं.
उम्मीद है गुर्दे की पथरी और किडनी स्टोन पर दी गई है मेरी जानकारी आपके लिए लाभप्रद होगी अगले वीडियो में जानेंगे कि आप किडनी स्टोन से कैसे बच सकते हैं दोस्तों इसके अलावा अगर आपको प्रोस्टेट की समस्या है और आप इसका आसान इलाज जानना चाहते हैं तो राइट में दिए गए लिंक पर क्लिक करें

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Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi https://thydoc.com/dialysis-process-in-hindi/ https://thydoc.com/dialysis-process-in-hindi/#respond Mon, 11 Mar 2024 07:36:55 +0000 https://thydoc.com/?p=1109 The post Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi appeared first on Thydoc Health.

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Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi

Dialysis Kya Hota h | Dialysis कैसे होता है? | Dialysis me Kya Hota Hai | Dialysis Process in Hindi

दोस्तों, क्या आपको या आपके परिजन को डॉक्टर ने dialysis कराने की सलाह दी है? क्या आप भी असमंजस में हैं कि dialysis कैसे होगा? कब कब होगा? कहाँ होगा? क्या dialysis के दौरान मरीज़ को अस्पताल में भर्ती रहना होगा? क्या आपने जो travel plans बनाये थे वह अब cancel करने होंगे? क्या ऑफिस से लंबी छुट्टी लेने की ज़रूरत पड़ेगी? दोस्तों! डायलिसिस या haemodialysis के बारे में आपने शायद सुना तो ज़रूर होगा पर क्या आप जानते हैं की आखिर dialysis में होता क्या है? और क्या आपको पता है की dialysis हॉस्पिटल में ही नहीं बल्कि घर पे भी हो सकता है. आज के इस वीडियो में, मैं आपको बताऊंगा haemodialysis के बारे में, और वह सभी जानकारी भी दूंगा जो शायद आप नहीं जानते होंगे.नमस्कार दोस्तों, में डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, हमारे channel thydoc health पर आपका स्वागत करता हूँ. हम आपको आपकी स्वास्थ्य से related जानकारी आसान भाषा में देने की कोशिश करते हैं और आगे भी ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करेंI

दोस्तों! किसी भी स्वस्थ शरीर में kidneys का काम होता है रक्त को साफ़ करना और शरीर से एक्स्ट्रा पानी को पेशाब के रूप में शरीर से बाहर करना. किडनी शरीर में कुछ ऐसे पदार्थ भी बनाती है जो हमारे शरीर के सुचारु रूप से काम करने के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं. पर अगर किसी कारण किडनी अपना ये काम ठीक से नहीं कर पाती है तो dialysis से ये काम पूरा किया जाता है. डायलिसिस दो तरह का होता है. पहला है haemodialysis और दूसरा है peritoneal dialysis. आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे haemodialysis की, peritoneal dialysis के बारे में मैं आपसे अगले वीडियो में बात करूँगा.

सबसे पहले जानते हैं की आपको dialysis की ज़रुरत क्यों पड़ती है. अगर किसी बिमारी की वजह से kidneys का फंक्शन मात्र दस से पंद्रह प्रतिशत ही रह गया है या यूँ कहें कि kidneys कमज़ोर पड़ गयीं है तो ऐसे में kidneys शरीर से waste products जैसे की urea, creatinine और एक्स्ट्रा पानी नहीं निकाल पाती है. और आपको जी घबराना, उलटी होना, पूरे शरीर में सूजन आना और थकान जैसे लक्षण आने लगते हैं. जब kidneys इस तरह से कमजोर पड़ जाती हैं तब आपको dialysis की ज़रुरत पड़ती है.

अब जानते हैं की आखिर dialysis या hemodialysis किस तरह काम करता है. haemodialysis में dialysis मशीन का इस्तेमाल होता है. जिसमे एक किडनी की तरह काम करने वाला स्पेशल फ़िल्टर लगा होता है जिसे dialyzer कहते हैं जिसे सामान्य भाषा में artificial kidney भी कहा जाता है. ये dialyzer और dialysis मशीन से आपके खून से waste बाहर किया जाता है और एक्स्ट्रा पानी भी निकाला जाता है. आपके खून को dialyzer तक आपकी vein से कनेक्ट किया जाता है जिसके लिए आपके गले में या groin में शरीर की बड़ी vein में एक catheter डाला जाता है जिसे HD catheter कहते हैं. जिन लोगों को लम्बे समय तक dialysis की ज़रुरत होती है उन लोगों में एक छोटी सी surgery कर के बांह में A-V fistula बना दिया जाता हैं . ये dialyzer या फ़िल्टर दो भागों में बटा होता हैं जिसमे से एक भाग आपके खून के लिए होता है और दूसरा होता है washing fluid या dialysate के लिए. इन दोनों भागों को एक पतली झिल्ली या मेम्ब्रेन अलग करती है. यानी यूँ कहें तो एक चाय की छलनी की तरह यह झिल्ली आपके खून और dialysate को अलग अलग करती है. आप की रक्त कोशिकाएं , खून में पाए जाने वाले प्रोटीन और दुसरे ज़रूरी खून के parts, खून में ही रहते हैं क्यूंकि साइज में बड़े होने के कारण ये इस झिल्ली को पार नहीं कर पाते हैं जैसे की चाय छानते समय चाय और अदरक जैसे छलनी के ऊपर रह जाते हैं जबकि खून में पाए जाने वाले waste material जैसे की यूरिया, creatinine, पोटैशियम, और एक्स्ट्रा पानी इस झिल्ली को पार कर लेते हैं और खून से बाहर हो जाते हैं जैसे की छनी हुई चाय जो हम पी लेते हैं. haemodialysis कितनी बार होगा और कितनी देर होगा ये आपकी बिमारी और आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है पर अक्सर सप्ताह में दो से तीन बार और चार से 6 घंटों तक डायलिसिस हो सकता है. इसके अलावा डायलिसिस के बाद या हर महीने आपके खून की जांच भी होती है जिससे आपके शरीर में यूरिया, creatinine जैसे waste products नापे जाते है और अगला dialysis इसी अनुसार प्लान किया जाता है. ये तो हम सभी जानते हैं की dialysis जैसी प्रक्रिया हॉस्पिटल या dialysis सेंटर पर ही संभव है. पर आजकल dialysis घर पर भी संभव है. पर आपको अपना dialysis हॉस्पिटल में कराना है या घर पे भी हो सकता है ये decision आपके डॉक्टर आपकी बिमारी और आपकी overall health को देखकर ही लेते हैं. अगर आपकी overall हेल्थ सही है तो आपको सिर्फ़ dialysis के दौरान ही हॉस्पिटल में रुकने की ज़रूरत होती है और dialysis के बाद आप घर जा सकते है. dialysis जब होता है उस दौरान आप अपने शौक़ का कोई भी काम जैसे की फ़ोन देखना या फ़ोन पर बात करना, कंप्यूटर पर काम करना, किताब पढ़ना या अपने साथ आये फ़ैमिली member से बात कर सकते है .जिन लोगों को डायलिसिस चल रहा है उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन बढ़ाने की सलाह दी जाती है और साथ ही डाइट में पोटैशियम कम करने की सलाह भी दी जाती है. दोस्तों, अब आप सोच रहे होंगे की क्या डायलिसिस से kidneys ठीक हो जाती है? दोस्तों, अगर आपको acute kidney failure हुआ है यानी अचानक आपकी किडनी का फंक्शन कम हुआ है तो थोड़े टाइम के डायलिसिस और बिमारी के इलाज से किडनी रिकवर कर लेती है पर अगर आपको chronic kidney disease है यानी लम्बे समय से आपकी kidneys कमजोर हैं और समय के साथ आप kidney failure में चले गए हैं तो आपको dialysis आजीवन भी लेना पड़ सकता है तब तक जब तक की आप किडनी transplant नहीं करवा लेते हैं. कुछ लोगों का मानना है की जो लोग dialysis पे निर्भर हैं वे यात्रा नहीं कर सकते हैं. ऐसा नहीं है दोस्तों, आप बिलकुल ट्रेवल कर सकते है पर आप अपने डॉक्टर से राय ज़रूर ले और जिस भी शहर आप जा रहे हैं वहाँ के डायलिसिस सेंटर से पहले ही बात कर ले और अपने अगले डायलिसिस की डेट का appointment बुक करा ले ताकि आपका dialysis मिस न हो. जो लोग डायलिसिस पे निर्भर हैं वे लोग अपना काम भी बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं बस ध्यान ये रखना है की आपको भारी वजन नहीं उठाना है और कोई भी भारी काम जैसे खुदाई आदि नहीं करना है.

और दोस्तों! बात करे dialysis के फ़ायदे की, तो ये बहुत सारे हैं. एक तरफ़ जहां आपके शरीर से urea creatinine जैसे waste products बाहर निकल जाते है वहीं इन waste products से होने वाले लक्षणों में आपको आराम मिलता है और आपकी quality of life में भी सुधार आता है. और किडनी donor मिलने तक और transplant होने तक आपको काफ़ी समय भी मिल जाता है.

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