Hernia Problem Archives - Thydoc Health https://thydoc.com/category/hernia-problem/ Thydoc Health Tue, 19 Mar 2024 10:24:40 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://thydoc.com/wp-content/uploads/2024/01/cropped-Thydoc-Favicon-32x32.png Hernia Problem Archives - Thydoc Health https://thydoc.com/category/hernia-problem/ 32 32 Hernia kya hai | Hernia ke prakar | Hernia ke lakshan kya hote hain | Hernia ka karan https://thydoc.com/hernia-kya-hai-hernia-ke-prakar-hernia-ke-lakshan-kya-hote-hain-hernia-ka-karan/ https://thydoc.com/hernia-kya-hai-hernia-ke-prakar-hernia-ke-lakshan-kya-hote-hain-hernia-ka-karan/#respond Wed, 13 Mar 2024 10:29:08 +0000 https://thydoc.com/?p=1233 The post Hernia kya hai | Hernia ke prakar | Hernia ke lakshan kya hote hain | Hernia ka karan appeared first on Thydoc Health.

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दोस्तों, हर्निया के बारे में हम सभी ने सुना हैं पर क्या आप ये जानते हैं कि हर्निया कैसे होता है? इसके होने के कारण क्या है? और क्या आप ये जानते हैं सभी हर्निया शरीर के ऊपर स्वेलिंग नहीं बनाते हैं? और क्या आप ये जानते हैं की पेट के अलावा शरीर में और दूसरी जगह भी हर्निया हो सकते हैं? नहीं ना?? तो आज के इस वीडियो में, मैं आपको ये सारी जानकारी विस्तार से दूंगा. दोस्तों! इस video में हम कुछ मेडिकल के टेक्निकल नामों का इस्तेमाल करेंगे परंतु उनको समझाने के लिए हम चित्र भी साथ में दिखाएँगे ताकि आपको हमारी बात अच्छे से समझ में आ सके. नमस्कार दोस्तों, में डॉक्टर दिवांशु गुप्ता, हमारे channel thydoc health पर  आपका स्वागत करता हूँ. हम आपको आप के स्वास्थ्य से related जानकारी आसान भाषा में देने की कोशिश करते हैं और आगे भी ऐसी ही ज़रूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त करने के लिये आप हमारे  चैनल को subscribe करें और ये वीडियो अपने

दोस्तों और परिवार में ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें. दोस्तों, हर्निया आपके पेट या groin यानी आपके पेट और जांघ के बीच की जगह में तब होता है जब कोई अंग किसी मांसपेशी या टिश्यू पे एक दबाव बनाने लगता है और वह अंग अपनी normal जगह से बाहर निकलने लगता है. ये ऐसा लगता है जैसे एक अजीब सी सूजन या उभार हो गया है. और ये किसी activity करने से या किसी particular position में बढ़ता है और वैसे ही किसी activity या position से वापस अंदर भी चला जाता है. ऐसे अंदर चले जाने वाले hernia को medical भाषा में reducible हर्निया कहते हैं. कई लोग ख़ुद से भी इसे दबा कर और थोड़ा manipulate कर के इसे अंदर कर सकते हैं यानी reduce कर सकते हैं. हर्निया से कभी कभी दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते है और पर हर्निया में हमेशा लक्षण हो ऐसा ज़रूरी नहीं है. दोस्तों, सबसे पहले हम बात करते हैं की आखिर हर्निया होता क्या है? जब शरीर के किसी नेचुरल opening या कमजोर मांसपेशियों या टिश्यू से अंदर के अंग एक दबाव बनाने लगते है और शरीर में अपनी निश्चित जगह से दूसरी जगह निकलने लगते हैं और आपको शरीर पर एक असामान्य सी सूजन या उभार दिखाई देने लगता है जिसे हर्निया कहते हैं.

ज्यादातर हर्निया आपके पेट में देखे जाते हैं जहां पेट  के अंग पेट की कमजोर दीवार से निकलने लगते हैं और एक एब्नार्मल swelling बनाते हैं. जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे वैसे हमारी मासपेशियां रोज के wear और tear से यानी उम्र के साथ होने वाली क्षति से कमजोर होने लगती हैं. इसके अलावा  इस कमजोरी के कई और कारण भी हो सकते हैं जैसे की ये कमजोरी महिलाओं में गर्भावस्था की वजह से हो सकती है या फिर ये कमजोरी किसी बिमारी की वजह से या किसी जन्मजात defect की वजह से या फिर किसी चोट या ऑपरेशन की वजह से भी हो सकती है. ये हर्निया शरीर में कईं जगह हो सकते हैं. आपके पेट की निचली दीवार से आपके groin में अंग आ सकते हैं और हर्निया कर सकते हैं. आपके पेट के बीच की दीवार से हर्निया हो सकता है. पुराने पेट के ऑपरेशन के चीरे वाली जगह से हर्निया हो सकता है. आपकी छाती के निचले भाग में आपकी diaphragm से अंग ऊपर की तरफ़ यानी छाती में आ सकते हैं. इसी तरह हर्निया कई प्रकार का हो सकता है. आइये इन तरह तरह के हर्निया के बारे में थोड़ी जानकारी लेते हैं. 75 % हर्निया, inguinal हर्निया होता हैं. ये अक्सर पुरुषों में होता है. जब आंत या आंत का कुछ भाग inguinal canal से होता हुआ inner thigh तक पहुँच जाता है तब इसे inguinal hernia कहते हैं. इसी तरह groin में होने वाला दूसरा हर्निया है femoral hernia. ये inguinal हर्निया की तुलना में कम देखा जाता है. इसमें फैट या फैटी टिश्यू femoral canal के रास्ते groin में हर्निया बनाते हैं. femoral hernia महिलाओं में ज़्यादा common है. अगला हर्निया है hiatal हर्निया. ये हर्निया तब होता है जब diaphragm की वह opening जिससे भोजन नली या food pipe गुजरती है, बढ़ने लगती है और stomach या पेट का हिस्सा इस ओपनिंग से छाती में चला जाता है. diaphragm हमारे शरीर की एक ऐसी माँसपेशी है जो हमारी छाती और abdomen यानी पेट के अंगों को अलग रखती है और साथ ही साथ हमे साँस लेने में भी मदद करती है. अगला हर्निया है congenital diaphragmatic hernia. यह हर्निया एक जन्मजात डिफेक्ट की वजह से होता है और diaphragm की मांसपेशी पूरी तरह से नहीं बन पाती है और diaphragm में डिफेक्ट रह जाता है.

इस डिफेक्ट से पेट के कुछ अंग छाती में slip होने लगते हैं. और छाती में इन अंगों की वजह से फेफड़ों का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता है. अगला हर्निया होता है आपकी किसी पुरानी सर्जरी की वजह से. जहां पेट पे लगे पुराने सर्जरी के चीरे से वहाँ की दीवार कमजोर होने लगती है और वहाँ से हर्निया हो सकता है. ये पेट की किसी भी सर्जरी के बाद हो सकता है. अगला हर्निया होता है नाभि के पास जिसे umbilical हर्निया कहते है और यह हर्निया ज्यादातर जन्म से ही होता है. इसमें नाभि के पास abdominal wall में एक डिफेक्ट होता है जिससे आंत निकलने लगती है और नाभि के पास एक स्वेलिंग बना देती है. अगला हर्निया है ventral hernia जो पेट की सामने वाली दिवार से होता है. इसमें umbilical और incisional हर्निया भी आते हैं. और अगर ये हर्निया नाभि के लेवल के ऊपर हुआ है तो इसे epigastric हर्निया कहते हैं. इसके अलावा एक rare type का हर्निया होता है perineal hernia  जहां pelvis के अंग ऊपर की तरफ पेट में आने लगते है और hernia करते हैं. तो देखा दोस्तों, हर्निया कितनी तरह के होते हैं और  शरीर में कितनी जगह हो सकते हैं. पर इनमे सबसे कॉमन है inguinal हर्निया जो 25 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता है.

अब आप सोच रहे होंगे की क्या हर्निया एक गंभीर बिमारी है. ज्यादातर हर्निया गंभीर नहीं होते हैं. पर समय के साथ और इलाज के अभाव में इनकी गंभीरता बढ़ सकती है. हर्निया तब गंभीर हो जाता है जब हर्निया जिस रास्ते से आया है उसी में फँस जाता है और वापस अपनी निश्चित जगह नहीं जा पाता है यानी reduce नहीं हो पाता है और ऐसे हर्निया में बहुत तेज दर्द होने लगता है और जो अंग फँस गया है उसकी ब्लड supply कट जाती है और यह अंग सड़ने  लगता है या मेडिकल भाषा में कहे तो उस अंग में necrosis होने लगता है. दोस्तों, सभी हर्निया से लक्षण हो ऐसा ज़रूरी नहीं है पर हर्निया का सबसे कॉमन लक्षण है एक एब्नार्मल स्वेलिंग, जो किसी गतिविधि या   activity के दौरान बन सकती है या फिर खांसने से बनती है या फिर हंसने से या फिर एक्सरसाइज करने से या वजन उठाने से या कब्ज की वजह से जोर लगाने से बनती है यानी कोई भी ऐसी activity जिससे पेट पर जोर पड़ता है.  और उस गतिविधि के पूरा हो जाने पर ये स्वेलिंग वापस अंदर भी अपनेआप चली जाती है. जब ये स्वेलिंग बनती है यानी जब हर्निया होता है तब आपको हल्का दर्द या discomfort भी हो सकता है. पर सभी हर्निया शरीर पर दिखाई नहीं देते हैं.

जो हर्निया शरीर के अंदर हो रहे हैं उनका उभार आपको बाहर नजर नहीं आएगा. hiatal हर्निया के मरीज़ों को सीने में जलन, acid reflux और अपच जैसे लक्षण हो सकते हैं. पुरुषों में inguinal हर्निया से scrotum में भी सूजन आ सकती है. सबसे पहली बार आपको हर्निया की स्वेलिंग तब दिखती है जब आप squatting position में हैं या आप झुके हुए हैं या आप जोर लगा रहे हैं. छोटे बच्चों में हर्निया तब दिखता है जब बच्चे रो रहे है या लैट्रिन जा रहे होते हैं. अगर हर बार एक ही एक्टिविटी के दौरान आपको स्वेलिंग नजर आ रही है तो वह हर्निया हो सकता है. अब बात करते हैं कि हर्निया होने का कारण क्या है. जब किसी कमजोर मांसपेशी या tissue अपने अंदर के अंग को बाहर निकलने से रोक नहीं पाता है तब हर्निया होता है. पर क्या किसी को भी हर्निया हो सकता है?  कुछ लोगों में हर्निया होने का रिस्क ज्यादा होता है. ये वे लोग हैं जिनका काम ही है वजन उठाना, या घंटों खड़े रहना. जिन लोगो को लंबी खांसी है या एलर्जी है जिसकी वजह से उन्हें छींके बहुत आती हैं. जिन लोगों को लम्बे समय से कब्ज है और ये लोग लैट्रिन जाते समय जोर लगाते हैं. वे पुरुष जिन्हे प्रोस्टेट की समस्या है और ये लोग पेशाब जाते समय जोर लगाते हैं. जिन लोगों की पेट या pelvis की कोई सर्जरी पहले हुयी है. गर्भावस्था और खासकर बार बार गर्भवती होने वाली महिलाओं में भी हर्निया का रिस्क ज्यादा होता है. जिन लोगों का वज़न ज्यादा है यानी body mass index तीस से ज्यादा है उनमे भी यह रिस्क ज्यादा होता है. हर्निया तब गंभीर हो जाता है जब हर्निया फँस जाता है और वापस अपनी जगह लौट नहीं पाता है.

अगर आपको लम्बे समय से हर्निया है पर अचानक आपके हर्निया के ऊपर की त्वचा का रंग बदल गया है, वहाँ सूनापन लग रहा है या आपको अचानक बुखार, जी घबराना और उलटी होने लगी है तो आपको तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में चेक अप करवाना चाहिए. ये हर्निया के गंभीर लक्षण हो सकते हैं.

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हर्निया के उपचार: क्लिनिकल जांच, लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी  https://thydoc.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0/ https://thydoc.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%89%e0%a4%aa%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0/#respond Mon, 11 Mar 2024 06:18:29 +0000 https://thydoc.com/?p=1070 The post हर्निया के उपचार: क्लिनिकल जांच, लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी  appeared first on Thydoc Health.

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हर्निया के उपचार: क्लिनिकल जांच, लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी

हर्निया के उपचार: क्लिनिकल जांच, लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी की पूरी जानकारी

हर्निया की जांच

हर्निया की पहचान और उसके निदान में सर्जन द्वारा किया जाने वाला क्लिनिकल एग्जामिनेशन एक महत्वपूर्ण चरण होता है। इस परीक्षण के दौरान, रोगी को विभिन्न पोजिशन्स में रखकर देखा जाता है, खांसने के लिए कहा जाता है, और हर्निया से प्रभावित क्षेत्र का बारीकी से परीक्षण किया जाता है। इस दौरान, हर्निया के ऊपर की त्वचा का रंग और बनावट भी जांची जाती है। सर्जन यह भी देखते हैं कि क्या हर्निया को मैन्युअली रिड्यूस किया जा सकता है।

चूंकि हर्निया हमेशा शारीरिक उभार के रूप में नहीं दिखाई देता, इसलिए निदान की पुष्टि के लिए और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए रेडियोलॉजिकल जांचें जैसे कि अल्ट्रासोनोग्राफी और सीटी स्कैन कराई जाती हैं। ये जांचें हर्निया के आकार, स्थान, और उससे प्रभावित अंगों की विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं, जो सर्जन को हर्निया के इलाज की सही योजना बनाने में सहायक होती हैं। 

इस प्रक्रिया के माध्यम से, हर्निया के सटीक निदान और उसके प्रभावी इलाज की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया जा सकता है, जिससे रोगी को सही समय पर उचित चिकित्सा प्रदान की जा सकती है।

हर्निया का इलाज – ऑपरेशन तकनीकें

हर्निया के प्रकार के आधार पर, ऑपरेशन की तकनीकें भिन्न हो सकती हैं। दवाओं के माध्यम से हर्निया का इलाज संभव नहीं है। इसका एकमात्र समाधान सर्जिकल रिपेयर या ऑपरेशन है। सर्जरी की आवश्यकता और उपयुक्त समय का निर्णय डॉक्टर द्वारा रोगी के निदान के बाद किया जाता है।

नियमित व्यायाम: मांसपेशियों को मजबूत रखें

हर्निया, विशेष रूप से इन्गुइनल हर्निया, इनसिशनल हर्निया, और वेंट्रल हर्निया जैसे प्रकार, आज के समय में एक आम समस्या हैं। इनका इलाज मेश हर्नियोप्लास्टी के जरिए किया जाता है, जो एक कुशल और प्रभावी सर्जिकल तकनीक है। इस ऑपरेशन के दौरान, हर्निया से प्रभावित क्षेत्र पर एक चीरा लगाया जाता है, जिससे हर्निया को सही स्थान पर लाया जा सके और उसे रिड्यूस किया जा सके।

ऑपरेशन का मुख्य चरण मेश, या जाली, का उपयोग करके पेट की दीवार को मजबूत करना होता है। यह मेश हर्निया के पुन: विकसित होने की संभावना को कम करता है और इस प्रक्रिया से पेट की दीवार को अधिक सहारा और स्थिरता मिलती है। इस तरह के ऑपरेशन को आमतौर पर स्पाइनल एनेस्थीसिया या जनरल एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है, जिससे रोगी को दर्द और असुविधा से राहत मिलती है।

लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर सर्जरी

हर्निया के उपचार में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, जिसे आम बोलचाल की भाषा में ‘दूरबीन वाला ऑपरेशन’ भी कहा जाता है, ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है।

लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर की प्रक्रिया

इस ऑपरेशन को पूरी बेहोशी में किया जाता है, जहां पेट को कार्बन डाइऑक्साइड गैस से फुलाया जाता है। इसके बाद, पेट पर तीन से चार छोटे छोटे चीरे लगाए जाते हैं, और इन चीरों से दूरबीन और अन्य उपकरण पेट के अंदर डाले जाते हैं। कैमरे की मदद से, सर्जिकल क्षेत्र को बाहरी मॉनिटर पर देखा जाता है, और मॉनिटर पर दिखाई देने वाली छवियों के आधार पर, सर्जन ऑपरेशन करते हैं। हर्निया को रिड्यूस करने के बाद, मेश को लगाया जाता है, और अंत में, कार्बन डाइऑक्साइड गैस को बाहर निकाल दिया जाता है। चीरों को ताँकों से बंद कर दिया जाता है।

रिकवरी और देखभाल

लैप्रोस्कोपिक रिपेयर के बाद, मरीज़ की रिकवरी अधिक तेज़ और अच्छी होती है। आमतौर पर, मरीज़ को ऑपरेशन के अगले ही दिन हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाती है। घर वापस आने के बाद, मरीज़ को अपने सर्जन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। निर्धारित दवाएँ समय पर लेनी चाहिए, और पेट पर बाँधने के लिए दी गई बेल्ट को हमेशा पहने रखना चाहिए, सिर्फ सोते समय और नहाते समय ही इसे हटाना चाहिए। इस बेल्ट का उपयोग ऑपरेशन के बाद कम से कम तीन महीनों तक करना है। भारी वस्तुओं को ना उठाने, धीरे-धीरे चलने और अपनी गतिविधियों को बढ़ाने की सलाह दी जाती है।

लैप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर सर्जरी के बाद कब्ज़ से बचने के लिए आपकी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए और सर्जन द्वारा सुझाई गई दवाइयाँ लेनी चाहिए। टाँके खुलवाने और फॉलो अप के लिए निर्धारित समय पर सर्जन से मिलना न भूलें।

हर्निया का ओपन सर्जरी द्वारा उपचार: एक पारंपरिक दृष्टिकोण

हर्निया के उपचार में, दूरबीन वाली तकनीक के अलावा, ओपन सर्जरी का विकल्प भी मौजूद है, जो एक पारंपरिक और व्यापक रूप से अपनाई जाने वाली सर्जिकल पद्धति है। इस प्रक्रिया में, सर्जन पेट पर एक बड़ा चीरा लगाते हैं और पेट के अंदरूनी हिस्से को खोलकर हर्निया को सही करते हैं। इस दौरान, एक मेश या जाली का उपयोग करके पेट की दीवार को मजबूत किया जाता है, ताकि हर्निया के पुनरावृत्ति की संभावना को कम किया जा सके।

ओपन सर्जरी की प्रक्रिया, जबकि प्रभावी होती है, इसमें रोगी के लिए कुछ विशेष चुनौतियां भी सामने आती हैं। इस पद्धति में, मरीज़ को हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने में कुछ दिनों का समय लगता है, जो लैप्रोस्कोपिक या दूरबीन वाली सर्जरी की तुलना में अधिक होता है। इसके अलावा, ओपन सर्जरी के बाद, रोगी को अधिक दर्द का अनुभव हो सकता है और रिकवरी की प्रक्रिया भी अपेक्षाकृत धीमी होती है। इसके कारण, रोगी को अपनी दैनिक गतिविधियों में वापस आने में अधिक समय लग सकता है।

हालांकि, कुछ परिस्थितियों में, जैसे कि जटिल हर्निया के मामले में या जब रोगी की विशिष्ट चिकित्सा आवश्यकताएं होती हैं, ओपन सर्जरी एक उपयुक्त और आवश्यक विकल्प हो सकता है। इसलिए, उपचार की इस विधि का चयन करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि रोगी और सर्जन साथ मिलकर रोगी की व्यक्तिगत स्थिति और उपचार के संभावित परिणामों पर विचार-विमर्श करें।

रोबोटिक मेश हर्नियोप्लास्टी

चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी प्रगति के साथ, हर्निया ऑपरेशन के लिए रोबोटिक मेश हर्नियोप्लास्टी नामक एक नवीनतम तकनीक का विकास हुआ है। यह तकनीक न सिर्फ उन्नत है बल्कि मरीजों के लिए कई अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करती है।

रोबोटिक मेश हर्नियोप्लास्टी में, ऑपरेशन लेप्रोस्कोपिक या दूरबीन विधि की तरह ही किया जाता है, लेकिन इसमें एक रोबोटिक मॉड्यूल का उपयोग होता है। इस विधि में, सर्जन रोबोटिक उपकरणों को नियंत्रित करते हैं, जो उन्हें हर्निया के ऑपरेशन को और अधिक सटीकता और कुशलता से करने में सक्षम बनाता है।

रोबोटिक तकनीक के लाभ

  • उच्च सटीकता: रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके, सर्जन हर्निया के ऑपरेशन को अधिक सटीकता से कर सकते हैं। रोबोटिक आर्म्स अधिक स्थिरता प्रदान करते हैं और मानव हाथों की सीमाओं से परे पहुंच सकते हैं।
  • तेज़ रिकवरी: इस तकनीक से मरीज की रिकवरी का समय कम होता है। छोटे चीरे और कम इनवेसिव प्रक्रिया के कारण, मरीज जल्दी स्वस्थ हो सकता है।
  • कम दर्द: रोबोटिक तकनीक से ऑपरेशन के बाद का दर्द कम होता है, जिससे मरीज को अधिक आराम मिलता है।

विचारणीय बिंदु

हालांकि रोबोटिक मेश हर्नियोप्लास्टी कई लाभ प्रदान करती है, इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं। इस तरह की सर्जरी पारंपरिक विधियों की तुलना में अधिक महंगी होती है और यह सुविधा केवल बड़े मेडिकल सेंटर्स पर ही उपलब्ध होती है जहाँ रोबोटिक सेटअप मौजूद है। इसके अलावा, रोबोटिक सर्जरी को संचालित करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित सर्जन की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष

हर्निया की समस्या और उसके उपचार के विषय में व्यापक जानकारी प्राप्त करने के बाद, यह स्पष्ट है कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने हर्निया के उपचार में काफी प्रगति की है। चाहे वह क्लिनिकल जांच के माध्यम से हर्निया की पहचान हो, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा न्यूनतम इनवेसिव उपचार हो, या फिर रोबोटिक मेश हर्नियोप्लास्टी जैसी उन्नत तकनीकी से सर्जरी हो, सभी ने मरीजों को बेहतर उपचार और तेज़ रिकवरी का विकल्प प्रदान किया है। हालांकि, उपचार की विधि का चयन करते समय मरीज़ की विशेष चिकित्सा स्थिति और उपलब्ध सुविधाओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। सही समय पर सही उपचार प्राप्त करने से हर्निया के मरीज़ स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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हर्निया से बचाव: स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार https://thydoc.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b5/ https://thydoc.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b5/#respond Fri, 28 Jul 2023 10:41:28 +0000 http://thydoc.com/?p=1 The post हर्निया से बचाव: स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार appeared first on Thydoc Health.

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हर्निया से बचाव: स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार

हर्निया से बचाव: स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार

हर्निया का विकास तब होता है जब हमारे शरीर की मांसपेशियाँ या टिश्यू, जो आंतरिक अंगों को सहारा देने का कार्य करती हैं, अपनी मजबूती खो देती हैं और इन अंगों पर दबाव बनाने लगती हैं। यह कमजोरी मुख्य रूप से शरीर की उम्र बढ़ने के साथ-साथ आने वाले निरंतर पहनने और आंसू (wear and tear) की प्रक्रिया के कारण होती है। जीवन भर में, हमारी मांसपेशियाँ और टिश्यू लगातार विभिन्न कार्यों को करते हुए, खिंचाव और तनाव का सामना करती हैं, जिससे उनकी क्षमता और लचीलापन कम हो जाता है। इसके अलावा, कुछ जीवनशैली संबंधी कारक जैसे कि अत्यधिक वजन, धूम्रपान, या नियमित रूप से भारी वस्तुओं को उठाने से भी मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो हर्निया के विकास को बढ़ावा देते हैं। इसलिए, एक स्वस्थ जीवनशैली और उचित शारीरिक गतिविधियों का अभ्यास करना, मांसपेशियों की कमजोरी और इसके परिणामस्वरूप हर्निया के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।

हर्निया से बचाव के उपाय

नियमित व्यायाम: मांसपेशियों को मजबूत रखें

हर्निया से बचाव में नियमित व्यायाम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम वजन उठाने और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसी गतिविधियाँ करते हैं, तो यह हमारी मांसपेशियों को मज़बूत बनाने में सहायक होता है। मज़बूत मांसपेशियां हर्निया के विकास की संभावना को कम करती हैं। हालांकि, व्यायाम करते समय सही मुद्रा का होना अत्यंत आवश्यक है। गलत मुद्रा में वज़न उठाने से न केवल चोट लग सकती है बल्कि हर्निया होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, वेट्स लिफ्ट करते समय अपनी मुद्रा पर विशेष ध्यान दें।

व्यायाम सत्र की शुरुआत में वार्म अप करना न भूलें। यह आपकी मांसपेशियों को आगामी गतिविधियों के लिए तैयार करता है और चोट के जोखिम को कम करता है। अपनी एक्सरसाइज की तीव्रता को धीरे-धीरे बढ़ाएँ, और यदि आप उच्च तीव्रता वाली एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं, तो खुद को ज़बरदस्ती पुश न करें। सप्ताह में कम से कम एक दिन वर्कआउट से विश्राम लें और इस दिन हल्की वॉक और स्ट्रेचिंग पर ध्यान केंद्रित करें। अपने दैनिक रूटीन में योग और ध्यान को भी शामिल करें, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं। इन उपायों को अपनाकर, आप हर्निया से बचाव के साथ-साथ एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

डायबिटीज नियंत्रित रखना

डायबिटीज के रोगियों के लिए, रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रखना हर्निया से बचाव का एक महत्वपूर्ण उपाय है। जब डायबिटीज अनियंत्रित रहती है, तो उच्च रक्त शर्करा के स्तर से शरीर की मांसपेशियों के ऊतक कमजोर होने लगते हैं, जिससे हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, डायबिटीज रोगियों को अपनी दैनिक जीवनशैली में स्वस्थ आदतों को अपनाकर और नियमित रूप से अपने डॉक्टर के साथ परामर्श करके अपने रक्त शर्करा के स्तर को सावधानीपूर्वक मॉनिटर करना चाहिए। इसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और आवश्यकतानुसार दवाओं का सेवन शामिल है। सही डायबिटीज प्रबंधन से न केवल हर्निया के जोखिम को कम किया जा सकता है, बल्कि यह आपके समग्र स्वास्थ्य को भी सुधारने में मदद करता है।

धूम्रपान से दूरी: शरीर को स्वस्थ रखें

दोस्तों, धूम्रपान न केवल आपके फेफड़ों के लिए हानिकारक है बल्कि यह आपके शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों को भी कमजोर करता है, जिससे हर्निया के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। तंबाकू में मौजूद रसायन शरीर की प्राकृतिक मरम्मत प्रक्रिया को बाधित करते हैं और मांसपेशियों तथा टिश्यू की स्थिति को दुर्बल करते हैं। यह दुर्बलता हर्निया के लिए एक अनुकूल परिस्थिति बनाती है। इसलिए, यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने का प्रयास करें। धूम्रपान छोड़ने से न सिर्फ आप हर्निया के जोखिम को कम करते हैं बल्कि आपका समग्र स्वास्थ्य भी सुधरता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए विभिन्न सहायता प्रणालियों और उपचारों का लाभ उठाएं, जैसे कि निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, काउंसलिंग, और सहायता समूह। इस प्रकार, धूम्रपान से दूरी बनाकर आप हर्निया से बचाव के साथ-साथ एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर भी कदम बढ़ाते हैं।

टाइट कपड़े न पहनें

हर्निया के जोखिम को कम करने में हमारी दैनिक जीवनशैली और विशेषकर हमारे पहनावे की आदतें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। टाइट फिटेड कपड़े, खासकर जो पेट और कमर के आस-पास अधिक दबाव डालते हैं, हर्निया के विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं। ये कपड़े शरीर पर अत्यधिक दबाव बनाते हैं, जिससे मांसपेशियां और टिश्यू कमजोर हो सकते हैं, और इससे हर्निया की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि रोजमर्रा के जीवन में आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें जो शरीर को सांस लेने की पर्याप्त जगह दें और अत्यधिक दबाव से बचें। यदि आपको टाइट कपड़े पहनना पसंद है, तो इसे विशेष अवसरों तक सीमित रखें और दैनिक उपयोग के लिए आरामदायक विकल्प चुनें। इस छोटे से बदलाव से आप हर्निया के खतरे को कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

वजन नियंत्रण: अचानक वजन बढ़ने से बचें

दोस्तों, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपने वजन पर निगरानी रखें, क्योंकि अचानक से वजन बढ़ने से हर्निया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। शरीर पर अतिरिक्त वजन अधिक दबाव डालता है, खासकर उस क्षेत्र में जहाँ मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं, जिससे हर्निया विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, नियमित व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार पर भी ध्यान देना चाहिए। आपका आहार पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए और उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए ताकि वजन को नियंत्रित रखा जा सके। एक आदर्श वजन बनाए रखने से न केवल हर्निया के जोखिम को कम किया जा सकता है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए भी लाभकारी है। इसलिए, आइए हम सभी एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएँ, जिसमें नियमित व्यायाम और संतुलित आहार शामिल हो, ताकि हम हर्निया जैसी स्थितियों से दूर रह सकें।

लंबी खांसी और एलर्जी का प्रबंधन

लंबी खांसी और एलर्जी, जैसी स्वास्थ्य समस्याएं, अक्सर हमारे ध्यान के केंद्र में नहीं होती हैं, परंतु ये हर्निया जैसी जटिल स्थितियों के विकास में योगदान दे सकती हैं। ट्यूबरकुलोसिस, डेम या अन्य बीमारियों के कारण होने वाली लंबी खांसी से पेट पर निरंतर दबाव पड़ता है, जिससे मांसपेशियों में दबाव बढ़ता है और हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी प्रकार, नाक में एलर्जी से उत्पन्न लगातार छींकने से भी इसी तरह का दबाव पैदा होता है, जो हर्निया के जोखिम को बढ़ा सकता है।

संतुलित आहार: पोषण से जुड़े रहें

अक्सर, हमारी जीवनशैली और खान-पान की आदतें हमें कब्ज की समस्या से दो-चार करा देती हैं, जिसके कारण लैट्रिन जाते समय जोर लगाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यह आदत न केवल असहज है बल्कि हर्निया, पाइल्स, और फिशर जैसी समस्याओं के विकास का जोखिम भी बढ़ाती है। इसे ध्यान में रखते हुए, सबसे पहले तो अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है।

हर्निया से बचाव: प्रोस्टेट समस्याओं का प्रबंधन

विशेष रूप से पुरुषों में, बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या एक आम मुद्दा है, जो मूत्र त्यागते समय अतिरिक्त जोर लगाने की आवश्यकता को जन्म देता है। यह अनजाने में हर्निया के जोखिम को बढ़ा देता है। जब आप मूत्र विसर्जन के लिए जोर लगाते हैं, तो यह आपकी अंतर्गर्भाशयी दीवारों पर अवांछित दबाव डालता है, जिससे हर्निया होने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

प्रोस्टेट की समस्या का समुचित उपचार लेना और मूत्र विसर्जन के दौरान जबरदस्ती जोर न लगाना इसका समाधान है। इससे न केवल पेशाब की थैली की स्थिति में सुधार होता है, बल्कि हर्निया के विकास के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

गर्भावस्था और पोस्ट-सर्जरी ध्यान: विशेष सावधानी

गर्भावस्था और बार-बार प्रसव के दौरान महिलाओं के पेट की मांसपेशियाँ अत्यधिक दबाव में आती हैं, जिससे उनकी मजबूती में कमी आ सकती है और हर्निया का रिस्क बढ़ जाता है। इस स्थिति से बचाव के लिए, यह आवश्यक है कि प्रत्येक गर्भावस्था के बीच में कम से कम तीन वर्ष का अंतर हो। इस समयावधि का पालन करने से महिलाओं के शरीर को पूरी तरह से ठीक होने और मांसपेशियों को फिर से मजबूती प्राप्त करने का पर्याप्त समय मिलता है। इसके अलावा, यदि किसी महिला का पेट का ऑपरेशन हुआ है, तो उस चीरे के स्थान पर हर्निया विकसित होने की संभावना रहती है। ऑपरेशन के पश्चात्, चिकित्सक द्वारा एक विशेष प्रकार की बेल्ट, जिसे एब्डोमिनल बेल्ट या बाइंडर कहा जाता है, प्रदान की जाती है। इसका उपयोग कम से कम तीन महीने तक करने की सलाह दी जाती है ताकि ऑपरेशन के स्थल को उचित सहारा मिले और मांसपेशियों को मजबूती मिले। इस दौरान, भारी वजन उठाने से बचना चाहिए और किसी भी ऐसे कार्य से परहेज करना चाहिए जिससे पेट पर अत्यधिक जोर पड़े। आहार में पर्याप्त प्रोटीन शामिल करके और धीरे-धीरे अपनी दैनिक गतिविधियों को बढ़ाकर, महिलाएँ हर्निया के विकास के जोखिम को कम कर सकती हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों, हर्निया से बचाव संभव है यदि हम अपनी जीवनशैली में स्वस्थ आदतों को शामिल करें और अपने शरीर की देखभाल करें। नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ने, संतुलित आहार का सेवन, वजन नियंत्रण, लंबी खांसी और एलर्जी का समुचित प्रबंधन, और गर्भावस्था तथा पोस्ट-सर्जरी के दौरान विशेष सावधानी बरतने जैसे कदम उठाकर हम हर्निया के विकास की संभावना को कम कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने शरीर के संकेतों को पहचानें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के उद्भव पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। एक स्वस्थ जीवनशैली न केवल हर्निया से बचाव में मददगार होती है, बल्कि यह हमें अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी दूर रखती है। तो आइए, स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ाएं और हर्निया के जोखिम को कम करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएं। स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें।

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